हिमाचल: कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण पर सरकार ने मांगी विधि विभाग की राय
शिमला। हिमाचल प्रदेश में कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर एक बार फिर प्रक्रिया तेज हो गई है। प्रदेश सरकार ने इस मामले में विधि विभाग से राय मांगी है। हाईकोर्ट के हालिया आदेशों के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन माह के भीतर आउटसोर्स पर कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों को नियमित करने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग ने अदालत के निर्देशों के संदर्भ में विधि विभाग को पत्र भेजते हुए पूछा है कि कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया किस प्रकार अपनाई जाए। सूत्रों के अनुसार, सरकार विधि विभाग की विस्तृत राय प्राप्त करने के बाद ही अगला कदम उठाएगी।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि वर्षों से सेवाएं दे रहे इन कंप्यूटर शिक्षकों को अनिश्चितकाल तक आउटसोर्स प्रणाली में नहीं रखा जा सकता। अदालत ने सरकार से यह भी पूछा है कि अब तक इस दिशा में क्या कदम उठाए गए हैं।
राज्य में फिलहाल 1200 से अधिक कंप्यूटर शिक्षक आउटसोर्स माध्यम से सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। इन शिक्षकों का कहना है कि वे लंबे समय से नियमित कर्मचारियों की तरह काम कर रहे हैं, परंतु उन्हें न तो वेतनमान का लाभ मिला है और न ही सेवा सुरक्षा।
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शिक्षक संगठनों ने सरकार से कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की है। संगठनों का कहना है कि न्यायालय के आदेशों के बाद अब सरकार को विलंब नहीं करना चाहिए। वहीं शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि विधि विभाग की राय मिलते ही इस विषय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा।
इस कदम से हजारों शिक्षकों में उम्मीद जगी है कि वर्षों से चली आ रही अस्थिरता अब खत्म हो सकती है और कंप्यूटर शिक्षकों के नियमितीकरण का रास्ता साफ हो सकता है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
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