कालाअंब (सिरमौर)। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में इस वर्ष भी दशहरा पर्व बड़े उत्साह और पारंपरिक धूमधाम के साथ मनाया गया। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक यह पर्व हर साल की तरह इस बार भी हजारों लोगों की मौजूदगी में मनाया गया। इस अवसर पर कालाअंब के श्री शिवशक्ति सेवा मंडल द्वारा विशेष दशहरा मेले का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों से भी श्रद्धालु और दर्शक पहुंचे।
दशहरा पर्व के मौके पर वीरवार शाम 5 बजे भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कालाअंब के उद्योगपति विश्वामित्र ने मारकंडा नदी के तट पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के विशालकाय पुतलों का दहन किया। इस दौरान आसमान में पटाखों की गूंज और रोशनी का मनमोहक दृश्य हर किसी को आकर्षित कर रहा था। कार्यक्रम के समय उनके साथ श्री शिवशक्ति सेवा मंडल के प्रधान मुनीष कौशिक, इंदर लाल, यशपाल, अनिल सैनी और अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। स्थानीय लोगों का कहना था कि दशहरा पर्व हर साल क्षेत्र में एकजुटता, सांस्कृतिक परंपरा और धार्मिक आस्था का प्रतीक बनकर सामने आता है।
इससे पूर्व कालाअंब के प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण से आकर्षक शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में रंग-बिरंगी झांकियां सजाई गईं, जिनमें भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी के रूपों का प्रदर्शन किया गया। श्रद्धालुओं ने पूरे जोश और भक्ति भाव के साथ इस शोभायात्रा में भाग लिया। ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों की गूंज से पूरा क्षेत्र धार्मिक माहौल में सराबोर हो गया।
दूसरी ओर, कालाअंब से सटे प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिलोकपुर मंदिर में भी दशहरा पर्व के दिन विशेष आयोजन हुआ। यहां माता बाला सुंदरी के दरबार में श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ा। मंदिर न्यास समिति के अनुसार केवल विजयदशमी के दिन ही लगभग 9,200 श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर माता के चरणों में शीश नवाया। इस दौरान दिनभर मंदिर परिसर में भक्तों की आवाजाही लगी रही। श्रद्धालुओं ने माता को चढ़ावे के रूप में कुल 5,57,600 रुपये नकद राशि समर्पित की।
मंदिर में दशहरा पर्व के अवसर पर पुश्तैनी भक्त राजेश गुप्ता उर्फ बिट्टू भगत ने अपने पूरे परिवार सहित विशेष पूजन-अर्चना की। इस दौरान मंदिर न्यास समिति के पदाधिकारी भी मौजूद रहे और उन्होंने व्यवस्था का जायजा लिया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पीने के पानी, सुरक्षा, यातायात और साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी।
मेला अधिकारी एवं तहसीलदार नाहन उपेंद्र चौहान ने जानकारी दी कि नवरात्र मेले के 11वें दिन विजयदशमी के साथ-साथ दशहरा पर्व का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि केवल एक ही दिन में 9,200 श्रद्धालु विभिन्न शहरों से त्रिलोकपुर पहुंचे। इस दौरान मंदिर में पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान शांतिपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए। मेला अधिकारी ने कहा कि नवरात्र मेला सुचारू रूप से चल रहा है और सभी सेवाएं एवं सुविधाएं चुस्त-दुरुस्त हैं।
कालाअंब और त्रिलोकपुर दोनों ही स्थानों पर दशहरा पर्व का उत्सव लोगों के लिए यादगार रहा। जहां कालाअंब में रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया, वहीं त्रिलोकपुर मंदिर में भक्तों ने माता के दरबार में अपनी आस्था और भक्ति प्रकट की। इन आयोजनों ने न केवल धार्मिक महत्व को उजागर किया बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं को भी मजबूती प्रदान की।
दशहरा पर्व हर वर्ष की तरह इस बार भी जन-जन को यह संदेश देकर गया कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अंततः सत्य और धर्म की ही विजय होती है। श्रद्धालुओं ने उत्साह और उमंग के साथ इस पर्व का आनंद लिया और आने वाले वर्ष में सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।
Leave a Reply