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नौहराधार भूस्खलन: सिरमौर में Tragic Landslide, 1 महिला और 4 मवेशियों की गई जान

नौहराधार भूस्खलन में मलबे से ढहा मकान और गौशाला, महिला और मवेशियों की मौत

नौहराधार भूस्खलन: सिरमौर में दर्दनाक हादसा, महिला की मौत और मवेशियों की भी गई जान

नौहराधार (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। नौहराधार भूस्खलन से सिरमौर जिला के चौरास गांव में बीती आधी रात को बड़ा हादसा पेश आया। इस हादसे में एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई, वहीं गौशाला में बंधे चार मवेशियों की भी जान चली गई। घटना से पूरे इलाके में मातम पसर गया है और ग्रामीणों के चेहरों पर दहशत साफ झलक रही है।

हादसा कैसे हुआ

मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना श्री रेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र की नौहराधार तहसील के चौरास गांव में घटी। देर रात अचानक पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ, जिसकी चपेट में गांव का एक कच्चा मकान और उसके साथ बनी गौशाला पूरी तरह से तबाह हो गई। इस कच्चे मकान में मोहन लाल अपनी पत्नी शीला देवी (37) और बच्चे के साथ रहते थे।

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जब पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरना शुरू हुआ, तो मोहन लाल ने तुरंत अपने बच्चे को लेकर घर से बाहर निकलने की कोशिश की। इसी बीच उनकी पत्नी शीला देवी भी बाहर आने लगीं, लेकिन तभी एक बड़ा पत्थर आकर उन पर गिर गया और वह मौके पर ही मलबे में दब गईं। हादसा इतना तेज था कि बचने का कोई मौका नहीं मिला।

महिला की मौत और मवेशियों का नुकसान

स्थानीय लोगों और प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और मलबे से महिला को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इस नौहराधार भूस्खलन में निचली मंजिल पर बनी गौशाला भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें बंधी एक गाय समेत चार मवेशियों की मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार यह परिवार पूरी तरह खेती-बाड़ी और पशुपालन पर निर्भर था, ऐसे में यह नुकसान उनके लिए बेहद बड़ा झटका है।

इलाके में शोक की लहर

इस हादसे के बाद से पूरे क्षेत्र में गम का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश के कारण पहाड़ियां बेहद कमजोर हो गई हैं। हर समय यह डर बना रहता है कि कब कहां से भूस्खलन हो जाए। चौरास गांव में हुए इस हादसे ने लोगों की नींद उड़ा दी है। लोग अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे।

प्रशासन की कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस मौके पर पहुंची। एसडीएम संगड़ाह सुनील कायथ ने हादसे की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मृतक महिला के परिजनों को प्रशासन की ओर से तत्काल 25 हजार रुपये की फौरी राहत राशि दी गई है। साथ ही महिला के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवार को आगे भी हर संभव मदद दी जाएगी।

बढ़ते भूस्खलन का खतरा

विशेषज्ञों का मानना है कि सिरमौर सहित हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में इस बार मानसून ने जमकर कहर बरपाया है। लगातार बारिश ने पहाड़ों को कमजोर कर दिया है और जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं। नौहराधार भूस्खलन की यह घटना उसी कड़ी का हिस्सा है। लोगों को प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने की सलाह दी गई है।

ग्रामीणों की परेशानी

गांव के लोगों का कहना है कि लगातार बारिश और भूस्खलन ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। खेतों में फसलें खराब हो गई हैं, रास्ते बंद हो गए हैं और अब घरों में भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए और प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए।

निष्कर्ष:
नौहराधार भूस्खलन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि प्राकृतिक आपदाओं के सामने इंसान कितना असहाय हो जाता है। एक महिला की दर्दनाक मौत और मवेशियों की क्षति ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन ने राहत राशि दी है, लेकिन परिवार को जो अपूरणीय क्षति हुई है, उसकी भरपाई संभव नहीं। यह घटना चेतावनी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहना होगा और प्रशासन को भी समय रहते मजबूत कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से जनहानि को रोका जा सके।

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