Advertisement

कालाअंब कैंडल मार्च: 100 से ज्यादा अभिभावकों ने विद्यार्थियों की सुरक्षा की मांग की | Shocking Negligence on NH-07

कालाअंब कैंडल मार्च में शामिल अभिभावक और स्थानीय लोग

कालाअंब कैंडल मार्च, सड़क हादसे के विरोध में उमड़ा जनसैलाब

कालाअंब (अंबाला)। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के साथ लगते हरियाणा क्षेत्र में हाल ही में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के विरोध में रविवार को कालाअंब कैंडल मार्च निकाला गया। इस कैंडल मार्च में 100 से अधिक अभिभावक और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया। सभी ने मृतका छात्रा की आत्मिक शांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की और प्रशासन व सरकार से स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई।

कालाअंब चौक से सेंट फ्रैंसिस अकादमी तक कैंडल मार्च

कैंडल मार्च कालाअंब चौक से सेंट फ्रैंसिस अकादमी तक निकाला गया। इस दौरान माहौल गमगीन रहा और जगह-जगह अभिभावकों ने “सुरक्षा हमारा अधिकार है” जैसे नारे लगाए। अभिभावकों ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता।

ये भी पढ़ें : कालाअंब सड़क हादसा: 12 वर्षीय छात्रा की दर्दनाक मौत | Shocking Truck Accident on NH-07

अभिभावकों की बड़ी मांगें

कैंडल मार्च में शामिल अभिभावकों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए स्पष्ट कहा कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो ऐसे हादसे लगातार होते रहेंगे। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

स्कूल के पास एलिवेटेड क्रॉसिंग बनाई जाए।

रेड लाइट और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।

बच्चों की सुरक्षा के लिए बेरीकेड्स लगाकर ट्रैफिक नियंत्रित किया जाए।

स्कूल प्रबंधन को भी सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने के लिए बाध्य किया जाए।

NH-07 पर बढ़ रहा खतरा

अभिभावकों ने कहा कि जब से NH-07 हाईवे को फोरलेन किया गया है, खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। तेज रफ्तार से दौड़ते वाहन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी धीमे नहीं होते। कई बार शिकायतों के बावजूद अभी तक ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यही कारण है कि सड़क पार करते समय बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा झेलना पड़ रहा है।

ये भी पढ़ें : हरियाणा सड़क सुरक्षा संस्थाएं और नियमों की जानकारी

प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन

पूनम, विकास, सुनील कुमार, मोनू राणा, गीता, निशु रानी, सुनीता, ज्योति, भारती, हेमा, हरदीप और सोहनलाल सहित अन्य अभिभावकों ने मिलकर एसडीएम नारायणगढ़ को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में साफ लिखा गया कि यदि बच्चों की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

जनभावनाओं में गुस्सा और चिंता

कालाअंब कैंडल मार्च में शामिल अभिभावकों की आंखों में गुस्सा और दर्द दोनों साफ झलक रहा था। एक अभिभावक ने कहा – “जब तक सड़क पर सुरक्षित माहौल नहीं होगा, हर माता-पिता रोज अपने बच्चे को स्कूल भेजते समय डर में रहेगा।”

विशेषज्ञों की राय

ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि NH-07 पर स्पीड लिमिट लागू करने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक स्पीड मॉनिटरिंग और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। इससे न केवल हादसों पर अंकुश लगेगा बल्कि वाहन चालकों पर भी नियंत्रण रहेगा।

स्थानीय लोगों का समर्थन

सिर्फ अभिभावक ही नहीं, बल्कि स्थानीय व्यापारियों और सामाजिक संस्थाओं ने भी कैंडल मार्च में भाग लिया। उनका कहना है कि कालाअंब कैंडल मार्च अब एक चेतावनी है कि प्रशासन को तुरंत जागना होगा।

सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ी बहस

यह कैंडल मार्च केवल एक हादसे का विरोध नहीं था, बल्कि यह एक सड़क सुरक्षा आंदोलन का स्वरूप भी लेता दिखा। अगर NH-07 जैसी व्यस्त सड़कों पर बच्चों और आम जनता की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं, तभी भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है।

निष्कर्ष
कालाअंब कैंडल मार्च ने यह संदेश दिया है कि अब लोग बच्चों की सुरक्षा के लिए चुप बैठने वाले नहीं हैं। जब तक NH-07 पर सुरक्षा उपाय, जैसे एलिवेटेड क्रॉसिंग, रेड लाइट और स्पीड ब्रेकर लागू नहीं होते, तब तक अभिभावक और समाज अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे।

यह कैंडल मार्च एक चेतावनी भी है और एक उम्मीद भी—चेतावनी इसलिए कि यदि कदम नहीं उठाए गए तो विरोध और तेज होगा, और उम्मीद इसलिए कि बच्चों की सुरक्षा के लिए समाज एकजुट होकर खड़ा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *