हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश: भूस्खलन से 400 सड़कें बंद, सेब सीजन पर असर
बारिश से बिगड़े हालात, भूस्खलन ने रोकी रफ्तार
मौसम विभाग का ऑरेंज अलर्ट, किसानों की बढ़ी चिंता
शिमला/मंडी। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्यभर में जगह-जगह भूस्खलन की घटनाओं के कारण यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है। एक नेशनल हाईवे सहित 400 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश और भूस्खलन का व्यापक असर
शनिवार सुबह 10 बजे तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में 704 बिजली ट्रांसफार्मर और 178 जल आपूर्ति योजनाएं भी बंद पड़ी हैं। इनमें से केवल मंडी जिले में ही 240 सड़कें, 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 105 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। कुल्लू जिले में 99 सड़कें और 382 बिजली ट्रांसफार्मर बंद हैं।
बारिश ने केवल सड़कों और बिजली व्यवस्था को ही नहीं, बल्कि कृषि को भी प्रभावित किया है। ऊना जिले में कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। खेतों में पानी भर जाने से मक्की की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे किसान परेशान और चिंतित हैं।
सेब सीजन में बढ़ी मुश्किलें
अगस्त का महीना हिमाचल के सेब सीजन के लिए बेहद अहम होता है, लेकिन बारिश और भूस्खलन ने बागवानों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। बंद सड़कों के कारण सेब और सब्जियों की खेप मंडियों तक पहुंचाना मुश्किल हो गया है, जिससे आर्थिक नुकसान का अंदेशा है।
बागवानों का कहना है कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो फसल का बड़ा हिस्सा समय पर बाजार तक नहीं पहुंच पाएगा। इससे कीमतों में गिरावट और आय में कमी आ सकती है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान और अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने 10 से 15 अगस्त तक हिमाचल प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश का पूर्वानुमान जताया है। इसके अलावा, 11 से 14 अगस्त तक कई भागों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 9, 10 और 15 अगस्त के लिए येलो अलर्ट लागू रहेगा।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन इसके बाद 2-3 दिनों में तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है।
प्रशासन ने जारी की अपील
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भूस्खलन और सड़क बाधाओं की संभावना अधिक है। साथ ही, नदियों-नालों के पास जाने से भी परहेज करने की सलाह दी गई है।
राहत और पुनर्स्थापना कार्य
प्रदेश सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। बिजली और जलापूर्ति बहाल करने के लिए संबंधित विभागों की टीमों को 24 घंटे तैनात किया गया है। PWD के कर्मचारी लगातार मलबा हटाने और सड़कों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण कार्य की गति धीमी है।
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