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हिमाचल प्रदेश के 1,900 MSME हरित पहल से जुड़ेंगे | सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास में संतुलन

कालाअंब और पांवटा साहिब में जनजागरूकता कार्यशालाएं आयोजित

परिपत्र अर्थव्यवस्था और सतत विकास की दिशा में कदम

नाहन (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश MSME हरित पहल के तहत राज्य के लगभग 1,900 सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को संरचित हरित परिवर्तन से जोड़ा जाएगा। भविष्य में इस संख्या को 2,500 से अधिक उद्योगों तक बढ़ाने की योजना है। इसका उद्देश्य औद्योगिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।

पर्यावरण संरक्षण और औद्योगिक विकास में संतुलन
यह पहल केंद्र सरकार की सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का हरितीकरण योजना के अंतर्गत चलाई जा रही है, जो विश्व बैंक के सहयोग से भारत सरकार के MSME परफॉर्मेंस अपग्रेडेशन प्रोग्राम का हिस्सा है। पहले चरण में हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग ने पांवटा साहिब और कालाअंब में जनजागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया।

संसाधन-कुशल उत्पादन और शून्य उत्सर्जन पर जोर
कार्यशालाओं में प्रतिभागियों को संसाधन-कुशल स्वच्छ उत्पादन, शून्य उत्सर्जन, पर्यावरणीय-सामाजिक-प्रशासनिक ढांचा, परिपत्र अर्थव्यवस्था और कार्बन उत्सर्जन में कमी जैसे विषयों पर जानकारी दी गई।

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डिजिटल निगरानी और वित्तीय सहायता के विकल्प
उद्योगों को डिजिटल निगरानी प्रणाली, हरित तकनीक उपलब्ध कराने वाले संस्थानों से संपर्क और वित्तीय सहायता के विकल्पों पर भी मार्गदर्शन मिला, जिससे MSME यूनिट्स अपने व्यवसाय को अधिक टिकाऊ बना सकें।

सरल पंजीकरण और बाज़ार तक आसान पहुँच
MSME मंत्रालय के सहायक निदेशक (ग्रेड-1) ए.के. गौतम ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और आश्वासन दिया कि किसी भी उद्योग को योजना से जुड़ी हर संभव मदद दी जाएगी। उन्होंने पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने, बाज़ार तक आसान पहुँच, नवाचार को बढ़ावा देने और सतत विकास पर बल दिया। साथ ही ऋण सुविधा, सरकारी खरीद में भागीदारी और क्षमता निर्माण जैसे लाभों पर भी चर्चा हुई।

इस कार्यक्रम में उद्योग विभाग कालाअंब के सदस्य सचिव गुरप्यारे राम डोगरा और कालाअंब के उद्यमियों सहित हिमाचल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सतीश गोयल ने भी भाग लिया और कहा कि इन योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंद उद्योगों तक पहुँचाने के लिए प्रक्रिया को और सरल करना आवश्यक है।

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