हिमाचल में 7 अगस्त को पहली रोबोटिक सर्जरी, ‘द विंची’ सिस्टम से घटेगा ऑपरेशन का समय और दर्द
शिमला।
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में 7 अगस्त 2025 एक ऐतिहासिक दिन बनने जा रहा है। अटल सुपर स्पेशलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान, चमियाना में प्रदेश की पहली रोबोटिक सर्जरी होने जा रही है। अत्याधुनिक ‘द विंची’ रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम के जरिए यूरोलॉजी विभाग प्रोस्टेट स्टोन का ऑपरेशन करेगा।
इस ऑपरेशन की कमान विभागाध्यक्ष डॉ. पंपोष रैना और डॉ. अनंत कुमार संभालेंगे। सोमवार शाम को मरीज को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है और सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
कैसे बदलेगी रोबोटिक सर्जरी हिमाचल का हेल्थ सेक्टर?
डॉक्टरों के अनुसार, इस नई तकनीक से सर्जरी का समय और जोखिम दोनों कम हो जाएंगे।
सामान्यत: जिन ऑपरेशनों में 8 घंटे तक का समय लगता था, अब वे सिर्फ 3 घंटे में हो सकेंगे।
ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द होगा।
कम रक्तस्राव और कम संक्रमण का खतरा रहेगा।
मरीज की रिकवरी तेजी से होगी और अस्पताल में रुकने की अवधि घट जाएगी।
‘द विंची’ रोबोटिक सिस्टम के फायदे
‘द विंची’ रोबोटिक सिस्टम आधुनिक चिकित्सा तकनीक का अद्भुत उदाहरण है। इसमें रोबोटिक आर्म्स बेहद सटीकता के साथ काम करते हैं, जिससे डॉक्टर को नाजुक ऑपरेशन करने में सुविधा होती है।
सर्जरी के दौरान कम से कम चीरा लगता है।
सटीकता बढ़ जाती है, जिससे जटिल केस भी सुरक्षित तरीके से संभव हो जाते हैं।
मरीज की रिकवरी तेजी से होती है और अस्पताल में रुकने की अवधि कम हो जाती है।
फिलहाल पथरी, भविष्य में और कई जटिल सर्जरी
अभी इस तकनीक का उपयोग पथरी और प्रोस्टेट स्टोन ऑपरेशन में किया जा रहा है। लेकिन भविष्य में यह तकनीक खासतौर पर—
प्रोस्टेट सर्जरी
ट्यूमर हटाने की सर्जरी
यूरोलॉजिकल सर्जरी
गाइनोकोलॉजिकल सर्जरी
में क्रांतिकारी साबित होगी। यह उपलब्धि हिमाचल के स्वास्थ्य ढांचे को एक नई ऊंचाई देगी और प्रदेश के मरीजों को बड़े शहरों पर निर्भरता से राहत मिलेगी।
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