HP Cabinet Decisions: हिमाचल में 25 साल बाद फिर शुरू होगी लॉटरी, शहरी निकाय चुनावों में मिलेगा ओबीसी आरक्षण
शिमला। हिमाचल प्रदेश में करीब ढाई दशक बाद एक बार फिर सरकारी लॉटरी शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में वीरवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार का मानना है कि लॉटरी से प्रदेश के लिए आमदनी का एक नया स्रोत खुलेगा और वित्तीय संसाधनों में वृद्धि होगी।
कैबिनेट ने साथ ही निर्णय लिया कि आगामी शहरी निकाय चुनावों में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण लागू किया जाएगा। इसके लिए पहले पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर सही आबादी का डेटा इकट्ठा किया जाएगा। आरक्षण रोस्टर भी इस डेटा के आधार पर ही तय होगा।
मानसून सत्र 18 अगस्त से
बैठक में निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 18 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक आयोजित होगा। इस दौरान कुल 12 बैठकें होंगी। राज्यपाल को इसकी आधिकारिक सिफारिश भेजी जाएगी।
टीजीटी और जेबीटी उम्मीदवारों को राहत
राज्य चयन आयोग की ओर से आयोजित टीजीटी और जेबीटी पदों की भर्ती परीक्षाओं में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के लिए सरकार ने बड़ी राहत दी है। कैबिनेट ने उन्हें ऊपरी आयु सीमा में दो साल की एकमुश्त छूट देने का फैसला लिया है।
अनाथ बच्चों के लिए तकनीकी संस्थानों में सीट आरक्षित
मंत्रिमंडल ने प्रदेश के आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी और निजी तकनीकी संस्थानों में प्रति पाठ्यक्रम एक सीट अनाथ बच्चों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती
दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 290 अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है।
नए पदों पर नियुक्तियां और सृजन
हिमाचल प्रदेश सचिवालय में विधि अधिकारी अंग्रेजी के 5 और हिंदी के 2 पद भरने को मंजूरी।
भरमौर, पांगी और स्पीति के एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना कार्यालयों में अनुसंधान अधिकारी के 3 नए पद सृजित।
बारिश से प्रभावित परिवारों के लिए वित्तीय सहायता
हाल ही में भारी मानसून बारिश और आपदा से प्रभावित परिवारों को सरकार ने राहत देने का भी फैसला लिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को ₹5,000 प्रतिमाह किराया सहायता मिलेगी।
शहरी क्षेत्रों में यह सहायता ₹10,000 प्रतिमाह होगी।
यह वित्तीय सहायता कुल 6 माह तक दी जाएगी।
यह कैबिनेट बैठक हिमाचल प्रदेश के लिए कई अहम फैसलों से जुड़ी रही, जो न केवल राजस्व बढ़ाने, बल्कि सामाजिक न्याय और आपदा राहत पर भी केंद्रित है।
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