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हिमाचल में शिक्षा और परिवहन सुधार: स्कूल-कॉलेजों के लिए अलग निदेशालय, एचआरटीसी को मिलेंगी नई बसें

हिमाचल प्रदेश में शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में बड़े फैसले: अलग-अलग शिक्षा निदेशालय और नई बसों की खरीद को मंजूरी

संक्षिप्त सार

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में बड़े फैसले लेते हुए स्कूल और कॉलेजों के लिए अलग-अलग निदेशालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही, एचआरटीसी के बेड़े में 297 टाइप-1 इलेक्ट्रिक बसें और 24 सुपर लग्जरी वातानुकूलित बसें जोड़ी जाएंगी। शिक्षा के अधिकार नियमों में भी संशोधन किया गया है, जिसके तहत पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को अंकों के आधार पर प्रमोट किया जाएगा और असफल रहने पर दोबारा परीक्षा का अवसर मिलेगा।

समाचार विस्तार

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा और परिवहन क्षेत्र में महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए स्कूल और कॉलेजों के लिए अलग-अलग निदेशालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधा के लिए एचआरटीसी के बेड़े में 297 टाइप-1 इलेक्ट्रिक बसें और 24 वातानुकूलित सुपर लग्जरी बसें शामिल की जाएंगी। शुक्रवार को विधानसभा सत्र के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में प्रदेश सचिवालय में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।

शिक्षा क्षेत्र में सुधार: अलग-अलग निदेशालय की स्थापना

मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को स्कूल शिक्षा निदेशालय में स्तरोन्नत करने को मंजूरी दी है। यह निदेशालय अब प्री-नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा व्यवस्था का प्रबंधन करेगा। वहीं, उच्च शिक्षा निदेशालय को कॉलेजों और उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं के प्रशासन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सरकार का मानना है कि इससे शिक्षा प्रणाली के प्रशासन और दक्षता में सुधार होगा। साथ ही, छात्रों और शिक्षकों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन मिल सकेंगे।

शिक्षा के अधिकार नियमों में संशोधन

मंत्रिमंडल ने निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार हिमाचल नियम 2011 में संशोधन करने का भी निर्णय लिया है। इसके तहत अब पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को अंकों के आधार पर पास किया जाएगा। यदि विद्यार्थी प्रमोशन के मापदंडों को पूरा करने में असफल रहते हैं, तो उन्हें परिणाम घोषित होने की तिथि से दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा।

परिवहन क्षेत्र में बड़ा कदम: इलेक्ट्रिक और लग्जरी बसें

पर्यावरण संरक्षण और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एचआरटीसी के बेड़े में 297 टाइप-1 इलेक्ट्रिक बसें और 24 वातानुकूलित सुपर लग्जरी बसें खरीदने का निर्णय लिया है। इन बसों के शामिल होने से सार्वजनिक परिवहन को और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरण अनुकूल बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से प्रदूषण कम होगा और यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा। सुपर लग्जरी बसें विशेष रूप से लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयोगी साबित होंगी।

सरकार की मंशा और आगे की योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा और परिवहन दोनों क्षेत्रों में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अलग-अलग शिक्षा निदेशालय से प्रशासनिक प्रक्रियाएं सरल होंगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक बसों की खरीद से प्रदेश में हरित ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने इन निर्णयों को लागू करने के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। आगामी महीनों में इन योजनाओं को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।