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अंतरजातीय विवाह पर राजगढ़ में विवाद, स्वर्ण मोर्चा ने पुलिस थाने में दिया धरना

अंतरजातीय विवाह पर बवाल: स्वर्ण समाज का पुलिस थाने में धरना, प्रशासन से लड़की को माता-पिता के सामने लाने की मांग

संक्षिप्त सार

राजगढ़ (सिरमौर) में अंतरजातीय विवाह को लेकर देव भूमि स्वर्ण मोर्चा और क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर व उनके समर्थकों ने पुलिस थाना में धरना दिया। 26 मार्च को अनुसूचित जाति के युवक और ब्राह्मण समाज की लड़की ने शादी की, जिसके बाद लड़की के परिजनों ने शादी को फर्जी करार दिया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि दोनों बालिग हैं और पुलिस उन्हें जबरदस्ती माता-पिता को नहीं सौंप सकती। धरने के दौरान लड़की के पिता की तबीयत बिगड़ गई। अंततः समझौते के तहत लड़की के माता-पिता और कुछ लोग नाहन जाकर लड़की से मिलेंगे।

विस्तृत समाचार

नाहन (सिरमौर)। राजगढ़ की ग्राम पंचायत में एक अंतरजातीय विवाह को लेकर देव भूमि स्वर्ण मोर्चा एवं क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर व उनके समर्थकों ने शुक्रवार को पुलिस थाने में धरना दिया। रुमित ठाकुर 150-200 समर्थकों सहित दोपहर 1:30 बजे पुलिस थाना पहुंचे और शाम तक धरने पर बैठे रहे। वे पुलिस प्रशासन से मांग कर रहे थे कि लड़की, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है, को उसके माता-पिता के सामने थाने में लाया जाए।

विवाह का विवाद और विरोध

राजगढ़ उपमंडल की ग्राम कनेच के अनुसूचित जाति के लड़के ने मांडियाघाट की ब्राह्मण लड़की से 26 मार्च को भागकर शादी कर ली। दोनों ने नाहन में पंडित के समक्ष विवाह संपन्न किया और अगले दिन, 27 मार्च को पुलिस अधीक्षक से मिलकर सुरक्षा की मांग की। इस विवाह को लेकर स्वर्ण समाज के लोगों ने विरोध जताया और प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि को दो लाख रुपये किए जाने के फैसले का भी विरोध किया।

विवाह प्रमाण पत्र पर संदेह

लड़की के परिजनों ने विवाह प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है। उनका दावा है कि लड़की 26 मार्च को राजगढ़ में एक कंप्यूटर सेंटर गई थी और दोपहर दो बजे तक वहीं थी। जबकि विवाह प्रमाण पत्र में 26 मार्च शाम पांच बजे का समय दर्ज है। परिजनों का कहना है कि राजगढ़ से नाहन पहुंचने में चार घंटे का समय लगता है, जिससे प्रमाण पत्र की सत्यता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

पुलिस का बयान

डीएसपी वीसी नेगी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों युवक-युवती बालिग हैं और कानून उन्हें विवाह करने या साथ रहने का अधिकार देता है। पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को समझाया कि जब तक कोई कानूनी आधार न हो, पुलिस लड़की को जबरदस्ती उसके माता-पिता को नहीं सौंप सकती। यदि लड़की नाबालिग होती, तो मामला अलग होता।

धरना समाप्त और माता-पिता की लड़की से मुलाकात

धरने के दौरान लड़की के पिता को थाने में चक्कर आ गया, जिसके बाद उन्हें स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ। डीएसपी वीसी नेगी ने लोगों को समझाते हुए मामला शांत कराया और सहमति बनी कि लड़की के माता-पिता व 8-10 लोग नाहन जाकर पुलिस सुरक्षा में लड़की से मिलेंगे। इसके बाद रुमित ठाकुर व उनके समर्थकों ने देर शाम धरना समाप्त कर दिया।