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हिमाचल के संसाधनों पर केंद्र का कब्जा, फिर भी नहीं मिल रहा हक का पैसा: पूर्व विधायक राकेश सिंघा

हिमाचल को केंद्र से नहीं मिल रहा राजस्व घाटा अनुदान, राकेश सिंघा बोले- 28 अप्रैल से किसान आंदोलन की तैयारी

हिमाचल को केंद्र से नहीं मिल रहा राजस्व घाटा अनुदान, राकेश सिंघा बोले- 28 अप्रैल से किसान आंदोलन की तैयारी

समाचार विस्तार

नाहन (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश के सभी प्राकृतिक संसाधनों पर भारत सरकार का नियंत्रण है, लेकिन बावजूद इसके प्रदेश को उसका हक का पैसा नहीं मिल रहा है। इसको लेकर राज्य अब बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यह आरोप सीपीआईएम के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने लगाए हैं।

उन्होंने रविवार को नाहन में पार्टी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जब से हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ है, तभी से यह संकट प्रदेश पर मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार की मदद आवश्यक थी, लेकिन मौजूदा समय में केंद्र सरकार हिमाचल को उसके हिस्से का राजस्व घाटा अनुदान देने में विफल रही है।

राकेश सिंघा ने बताया कि प्रदेश की आय में लगातार घाटा हो रहा है, और इस घाटे की भरपाई केंद्र सरकार की ओर से राजस्व घाटा अनुदान के माध्यम से की जाती थी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हिमाचल को इस मद में केवल 3000 करोड़ रुपये की ग्रांट मिली है, जबकि प्रदेश की मासिक देनदारियां 26,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं।

उन्होंने कहा कि यह स्थिति प्रदेश की आर्थिक स्थिरता को कमजोर कर रही है। सिंघा ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हिमाचल के संसाधनों का दोहन कर रही है, लेकिन उसके बदले प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।

किसानों की जमीनों पर हो रही कार्रवाई को लेकर भी पूर्व विधायक ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यदि किसानों के कब्जे वाली जमीनों को जबरन खाली कराया गया, तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा।

उन्होंने ऐलान किया कि किसानों को उनके हक से वंचित करने के खिलाफ प्रदेश स्तर पर 28 अप्रैल से आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि किसानों की जमीनों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।

राकेश सिंघा ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को जानबूझकर आर्थिक रूप से कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, फिर भी विकास के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर है।

उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार हिमाचल को उसके हक का पूरा राजस्व घाटा अनुदान दे और राज्य को आर्थिक रूप से सक्षम बनाए।

(रिपोर्ट : नाहन ब्यूरो)