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संपादकीय : किसान संगठनों की मांग एक, विरोध का तरीका अलग अलग

किसान संगठनों की मांग एक, लेकिन विरोध का तरीका अलग-अलग

संपादकीय
दैनिक जनवार्ता न्यूज़
नाहन (सिरमौर)। किसान आंदोलन 2.0 में किसान संगठनों द्वारा एक ही मांग पर विरोध का अलग-अलग तरीका अपनाया जा रहा है। किसान संगठन एकजुट नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि कई समूहों में बंटे हुए हैं।

हालांकि, अहम बात ये है कि सभी किसान संगठनों की एक ही मांग है कि एमएसपी गारंटी कानून लागू किया जाए। इस मांग को लेकर सभी किसान संगठन अपने-अपने तरीके से सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं। दिल्ली कूच के समर्थन में पंजाब के किसानों के अलावा अन्य सभी संगठन बच रहे हैं।

भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का कहना है कि उनका दिल्ली कूच को समर्थन नहीं है, लेकिन बुधवार को प्रदेश भर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यालयों के बाहर धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया जाएगा और सरकार के पुतले फूके जाएंगे।

बहरहाल, एक ही मांग को लेकर किसान संगठन अलग अलग तरीकों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर चल रहे हैं। सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करती है या नहीं, क्या किसानों का आंदोलन पहले की तरह लम्बा चलेगा, आम जनता को कितनी परेशानी झेलनी पड़ेगी, क्या किसान दिल्ली पहुंचने में कामयाब होंगे? इन तमाम सवालों का जवाब तो आने वाले समय में ही मालूम पड़ेगा।

संजय कुमार गुप्ता