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National News : ट्रेन हादसों को रोकने के लिए रेलवे विभाग ने कसी कमर। कवच लगाने का काम शुरू।

ओडिशा और बिहार के ट्रेन हादसों के बाद भरतीय रेलवे अलर्ट मोड पर। ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच विकसित।
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दैनिक जनवार्ता
नई दिल्ली। ओडिशा और बिहार ट्रेन हादसों के बाद भारतीय रेलवे रेल सुरक्षा मजबूत करने में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली (एटीपी) यानी कवच को विकसित किया गया है। इस सुरक्षा प्रणाली को 1465 किलोमीटर लंबे मार्ग और दक्षिण मध्य रेलवे खंडों पर 139 लोकोमोटिव (इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट रेक) पर स्थापित किया जा चुका है।

क्या है ट्रेन सुरक्षा प्रणाली “कवच”?

कवच चलती ट्रेनों की सुरक्षा के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है। इसे तीन भारतीय कंपनियों के सहयोग से अनुसंधान करके डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने स्वदेशी रूप से तैयार किया है। ये सुरक्षा प्रणाली कवच न केवल ट्रेन के चालक को खतरे में सिग्नल पास करने और तेज गति से गाड़ी चलाने से बचाव में मदद करता है, बल्कि ये खराब मौसम के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद करती है। इस तरह ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो जाती है। बता दें कि लिंगापल्ली-विकाराबाद-वाडी के 265 किलोमीटर और विकाराबाद-बीदर खंड, मनमाड-मुदखेड-धोने-गुंटकल खंड के 959 किलोमीटर और बीदर-परभणी खंड के 241 किलोमीटर लंबे मार्ग पर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। साथ ही वर्तमान में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर के लगभग 3000 किलोमीटर लंबे मार्ग के लिए कवच निविदाएं जारी की गई हैं।
इसके अलावा भारतीय रेलवे ने एक सर्वे के तहत विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और 6000 किलोमीटर रेल मार्ग पर कवच लगाने के अनुमान सहित कई प्रारंभिक काम भी शुरू किए हैं।
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Posted by S.K. Gupta
Dated 09/12/2023