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हिमाचल कैबिनेट बैठक: कर्मचारियों को राहत, स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार और जल विद्युत परियोजनाओं पर बड़ा फैसला

मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया कई अहम फैसलों का पैकेज, न्यूनतम बस किराया बढ़ा, डॉक्टरों का स्टाइपेंड दोगुना, सरकारी कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय

समाचार विस्तार

शिमला। हिमाचल कैबिनेट बैठक: कर्मचारियों को राहत, स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार और जल विद्युत परियोजनाओं पर बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में आयोजित की गई, जिसमें कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई। बैठक में प्रदेशवासियों के हित में परिवहन, ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा और राजस्व से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे पहले आम जनता से जुड़ा फैसला बस किराए को लेकर लिया गया। मंत्रिमंडल ने न्यूनतम बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये करने का निर्णय लिया। यह फैसला एचआरटीसी बोर्ड की सिफारिश पर लिया गया, हालांकि निजी बस ऑपरेटरों ने इसे 15 रुपये करने का प्रस्ताव दिया था।

बैठक में प्रदेश के हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत दी गई। सरकार ने 31 मार्च 2025 तक दो वर्ष की सेवा पूरी कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, चार साल की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारियों को भी नियमित किया जाएगा। इससे हजारों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा और उनके भविष्य को सुरक्षा मिलेगी।

ऊर्जा क्षेत्र में राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पांच जल विद्युत परियोजनाओं को केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों से टेकओवर करने का फैसला लिया है। इनमें 382 मेगावाट की सुन्नी, 210 मेगावाट की लूहरी स्टेज-1, 66 मेगावाट की धौलासिद्ध, 500 मेगावाट का डुगर और 180 मेगावाट की बैरा स्यूल परियोजनाएं शामिल हैं। राज्य सरकार का कहना है कि इन परियोजनाओं को बिना इंप्लीमेंटेशन एग्रीमेंट और उचित रॉयल्टी शर्तों के पिछले शासन ने केंद्र के उपक्रमों को सौंपा था। अब इन परियोजनाओं के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बैरा स्यूल प्रोजेक्ट के अधिग्रहण हेतु एक प्रशासक नियुक्त किया जाएगा और अन्य परियोजनाओं की लागत के आकलन के लिए स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता नियुक्त किए जाएंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में भी कैबिनेट ने कई अहम निर्णय लिए। बिलासपुर के स्वाहण और शिमला जिले के रोहड़ू अस्पताल में 50-50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, चंबा और हमीरपुर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पतालों में उच्च तकनीक वाली जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। राज्य के तीन प्रमुख अस्पतालों—कमला नेहरू शिमला, ऊना और सुंदरनगर में निर्माणाधीन मातृ एवं शिशु अस्पतालों के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद को भी मंजूरी दी गई।

डॉक्टरों के मानदेय में भी ऐतिहासिक वृद्धि की गई है। सीनियर रेजिडेंट और ट्यूटर स्पेशलिस्ट का मासिक वजीफा 60-65 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, सुपर स्पेशलिस्ट को अब 1.30 लाख रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलेगा। इससे मेडिकल प्रोफेशनल्स को राज्य में सेवा देने हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।

शिक्षा के क्षेत्र में मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी को आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से क्रियाशील करने की स्वीकृति दी गई है। इससे स्थानीय छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को कई मामलों में निर्णय लेने के अधिकार दिए हैं। संसाधन जुटाने के लिए गठित उपसमिति की सिफारिशों को भी मंजूरी दी गई, जिसमें खर्च कम करने और राजस्व बढ़ाने के उपाय सुझाए गए हैं।

ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 402 नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ये स्टेशन विभिन्न सरकारी परिसरों जैसे विश्राम गृह, परिधि गृह, लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, राज्य विद्युत बोर्ड कार्यालयों, उपायुक्त कार्यालयों और बीबीएनडीए कार्यालयों में लगाए जाएंगे।

सार्वजनिक स्थलों की सुंदरता बनाए रखने के लिए ‘हिमाचल प्रदेश ओपन प्लेसेस (प्रिवेंशन ऑफ डिस्फिगरमेंट) एक्ट 1985’ को राज्य के सभी नगर निगमों, परिषदों और पंचायतों में लागू किया जाएगा। इसके अंतर्गत दीवारों, पेड़ों, इमारतों आदि पर बिना अनुमति विज्ञापन, पोस्टर या चित्र लगाने पर नियंत्रण किया जाएगा।

इसके साथ ही होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल मशोबरा के अंतरिम संचालन के लिए ईआईएच लिमिटेड के साथ प्रबंध सेवा अनुबंध को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य को हर महीने लगभग 1.77 करोड़ रुपये की आय होगी।

अंत में, रोगी कल्याण समिति को सशक्त करने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए भी कैबिनेट ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया। सभी मेडिकल कॉलेजों में उच्च तकनीक से लैस प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी और अनाथों, विधवाओं, एकल महिलाओं तथा उनके बच्चों को 133 प्रकार की लैब और एक्स-रे जांचें निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। इस निर्णय के बाद मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने वाले वर्गों की संख्या 11 से बढ़कर 14 हो जाएगी।