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HP News : डॉ. संजीव अत्री की एक और उपलब्धि, उनकी इस फिल्म को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार

दैनिक जनवार्ता न्यूज
नाहन (सिरमौर)। जनपद सिरमौर के पांवटा साहिब उपमंडल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टोकियो के प्रधानाचार्य डा. संजीव अत्री ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनके निर्देशन में बनी लघु फिल्म सोंधी धरती मीठा गुड़ का राष्ट्रीय कृषि फिल्म उत्सव में पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। ये फिल्म उत्सव भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान की ओर से हाल ही में आयोजित किया गया था।

वर्ष 2023 में आयोजित फिल्म उत्सव में 134 फिल्मों में से चयनित श्रेष्ठ फिल्मों को प्रतियोगिता की श्रेणी में रखा गया, जिसमें डा. अत्री की लघु फिल्म को पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। आगामी 22 फरवरी को ये पुरस्कार केंद्रीय कृषि संस्थान हैदराबाद में वितरित किए जाएंगे।

फिल्म उत्सव के निदेशक डा. शरद कुमार ने संजीव अत्री को इसकी सूचना दी है। साथ ही पुरस्कार लेने के लिए भी आमंत्रित किया है। विदित रहे कि डॉ. अत्री की ये लघु फिल्म 23 मिनट अवधि की है। इसकी पटकथा, संपादन और निर्देशन संजीव अत्री ने स्वयं किया है।
संजीव अत्री ने बताया कि फिल्म गुड़ को भारत की सांस्कृतिक विरासत के रूप में दर्शाती है, साथ ही गुड़ के मौलिक स्वरूप गन्ने की कृषि तकनीक, प्रकार, जलवायु और उत्पादन जैसे विभिन्न पक्षों के साथ गुड़ बनाने की पारंपरिक और आधुनिक तकनीकों को भी दर्शाती है।
इस फिल्म में गुड़ का पारंपरिक इतिहास, महत्व, कारीगरों की वर्तमान में स्थिति, इसके निर्माण से जुड़ी चुनौतियों, सरकारी नीतियां, गुड़ और चीनी की व्यावसायिक प्रतिद्वंदता को भी प्रदर्शित करती है।

एक तरह से इस फिल्म में गुड़ को भारत की सांस्कृतिक मिठाई घोषित करने की आवाज बुलंद होती है। ये फिल्म कृषि उत्पाद और कृषि विषय पर आधारित है, जो मुख्य रूप से बतौर शैक्षणिक फिल्म बच्चों के लिए बनी है। विभिन्न स्थानों पर इसका फिल्मांकन किया गया है।

संजीव अत्री वर्तमान समय में पांवटा साहिब के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टोकियो में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात हैं। इससे पूर्व वह नौरंगाबाद राजकीय उच्च विद्यालय में मुख्याध्यापक के पद पर कार्यरत थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नौरंगाबाद स्कूल में भी विश्व के सबसे बड़े 20 फीट लंबे स्याही वाले पेन का निर्माण किया था। इस स्कूल में उन्होंने मिनी सिनेमाघर भी स्थापित किया। बतौर प्रवक्ता मोगीनंद स्कूल में सेवाएं देते हुए उन्होंने प्रदेश का पहला और देश का छठा कैंपस रेडियो स्टेशन हैलो मोगीनंद भी स्थापित किया था।