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हिमाचल: परवाणू में 941 करोड़ के फर्जी कारोबार और 170 करोड़ की GST चोरी का बड़ा खुलासा
परवाणू: परवाणू में जीएसटी विंग ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 941.39 करोड़ रुपये के फर्जी कारोबार और 170 करोड़ रुपये की GST चोरी का खुलासा किया है। इस GST fraud नेटवर्क ने उन्नत तकनीक और एआई की मदद से बने फेसलेस रजिस्ट्रेशन का दुरुपयोग किया। जांच में पाया गया कि कई निर्दोष लोगों के आधार, पैन कार्ड, बिजली बिल, ई-स्टांप और रेंट डीड को बिना जानकारी के इस्तेमाल कर फर्जी फर्मों का निर्माण किया गया।
फर्जी कारोबारियों पर कार्रवाई
जीएसटी विभाग ने कुल नौ फर्जी कारोबारियों को चिह्नित किया है—जिनमें पांच शिमला, तीन सोलन और एक ऊना से संबंधित हैं। इन सभी का GST नंबर तत्काल रद्द कर दिया गया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) ब्लॉक कर दिया गया है। यह पूरा GST fraud नेटवर्क तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक के बैंक खातों के जरिये कारोबार दिखा रहा था, जबकि 90% बिक्री हिमाचल से इन राज्यों को दिखा दी जाती थी।
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दस्तावेजों के असली मालिकों को इस बात की जानकारी तक नहीं थी कि उनकी पहचान का उपयोग करोड़ों के फर्जी कारोबार और जीएसटी चोरी के लिए किया जा रहा है।
अपराधियों पर सख्त कार्रवाई
दक्षिण जोन जीएसटी विंग के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि कुछ आपराधिक गैंग फर्जी बिलिंग, नकली रजिस्ट्रेशन और GST fraud के जरिए सरकारी राजस्व को भारी क्षति पहुंचा रहे थे। विभाग ने समय रहते इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर 170 करोड़ रुपये का नुकसान बचाया।
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उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों के GSTN को तुरंत सस्पेंड किया जाएगा और आगे भी ऐसी कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
नागरिकों से अपील
विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे अपने दस्तावेज—
आधार कार्ड
पैन कार्ड
बिजली बिल
मोबाइल नंबर
ई-स्टांप
किरायानामा
को सुरक्षित रखें ताकि उनका उपयोग किसी GST fraud या फर्जी कारोबार में न हो सके।
