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बिहार चुनाव नतीजे: एनडीए की प्रचंड जीत, विपक्ष ने उठाए सवाल

एनडीए को मिली निर्णायक बढ़त
दिल्ली : बिहार चुनाव के अंतिम नतीजों ने एक बार फिर एनडीए की सत्ता वापसी सुनिश्चित कर दी है। बिहार चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। भाजपा ने 89 सीटें जीतीं, जबकि जदयू 85 सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। इस जीत के बाद एनडीए ने प्रदेश में अपनी पकड़ और मजबूत कर ली है।
पार्टीवार सीटों का पूरा गणित
चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बिहार चुनाव में राजनीतिक दलों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा—
बीजेपी – 89
जदयू – 85
राजद – 25
लोजपा (रामविलास) – 19
कांग्रेस – 6
AIMIM – 5
हम (से.) – 5
राष्ट्रीय लोक मोर्चा – 4
CPI (ML) – 2
इंडियन इंक्लूसिव पार्टी – 1
CPI (M) – 1
BSP – 1
इन नतीजों ने साफ कर दिया कि बिहार चुनाव में एनडीए ने विपक्ष को कड़ा झटका दिया है।
विपक्ष ने फिर छेड़ा वोट चोरी का मुद्दा
एनडीए की जीत के बाद विपक्षी दलों ने बिहार चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल उठा दिए हैं। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग ने “भाजपा के लिए प्रयोग” किया और यह जीत संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि “वोट चोरी” हुई है और महिलाओं के वोट पर राजनीतिक कथा गढ़ी जा रही है।
राहुल गांधी ने नतीजों को बताया चौंकाने वाला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार चुनाव के परिणामों को “बेहद चौंकाने वाला” बताते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया शुरुआत से ही निष्पक्ष नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि जनता ने महागठबंधन का साथ दिया, लेकिन चुनाव में बराबरी की लड़ाई संभव नहीं हो पाई। राहुल गांधी के अनुसार, निष्पक्षता की कमी ने अंतिम नतीजों को प्रभावित किया।
पप्पू यादव ने उठाया रोजगार और जनादेश का मुद्दा
पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि वह जनता के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन सवाल पूछा—क्या 20 हजार करोड़ रुपए में वोट खरीदे जा सकते हैं? उन्होंने बिहार चुनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि चुनावी मुद्दों में रोजगार जैसे असली सवाल पीछे छूट गए। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार और भाजपा की विचारधारा में सामंजस्य नहीं है।
निष्कर्ष
बिहार चुनाव परिणामों ने प्रदेश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला दिया है। जहां एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं विपक्ष ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आने वाले समय में इन आरोपों और नए राजनीतिक समीकरणों पर प्रदेश की राजनीति केंद्रित रहने वाली है।
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