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माँ रेणुका जी की भव्य आरती से जगमगाया रेणुकाजी तीर्थ
विधायक अजय सोलंकी आरती में हुए शामिल
ददाहू (सिरमौर)। रेणुका जी में आयोजित मेले के चौथे दिन सोमवार को माँ रेणुका जी की भव्य आरती में पूरा रेणुकाजी तीर्थ दिव्यता में डूब गया। ऐतिहासिक रेणुका झील के तट पर जब सैकड़ों श्रद्धालुओं ने एक स्वर में “जय माँ रेणुका” का जयघोष किया, तो वातावरण भक्ति रस से भर गया।
झील किनारे शुद्ध घी के दीयों की कतारें जल उठीं और पूरा तीर्थक्षेत्र स्वर्णिम आभा में नहाया दिखाई दिया। इस दौरान माँ रेणुका जी की भव्य आरती का शुभारंभ नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने विधिवत रूप से किया। उन्होंने माँ रेणुका से प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि और जनता के कल्याण की कामना की।
500 दीयों से सजी झील बनी आस्था का प्रतीक
आरती के समय झील के दोनों ओर भक्तों का सैलाब उमड़ आया। श्रद्धालुओं ने मिट्टी के दीयों में शुद्ध घी भरकर उन्हें जलाया और आरती के बाद झील में प्रवाहित किया। करीब 500 दीयों की रौशनी ने रेणुका झील को मानो स्वर्गिक रूप दे दिया। झील की लहरों पर तैरते दीये एक अद्भुत श्रृंखला बनाते नज़र आए — जैसे स्वयं माँ रेणुका अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रही हों।
हर वर्ष की तरह इस बार भी माँ रेणुका जी की भव्य आरती ने हजारों श्रद्धालुओं के हृदय को छू लिया। लेकिन इस बार खास बात यह रही कि पहली बार विद्वान पंडितों और संत महात्माओं के मंत्रोच्चारण के बीच यह आरती पूरे वैदिक रीति-रिवाजों के साथ आयोजित की गई।
पंडितों के मंत्रोच्चारण से गूँजा रेणुका तीर्थ
इस वर्ष की माँ रेणुका जी की भव्य आरती आध्यात्मिकता का जीवंत उदाहरण बन गई है। मंत्रोच्चारण, भजन और शंखनाद की ध्वनि से पूरा रेणुका घाट क्षेत्र गूंज उठा। यह अद्भुत दृश्य देखकर श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और सबने एक साथ आरती की लौ में अपनी श्रद्धा अर्पित की।
आरती के दौरान हजारों श्रद्धालु झील के चारों ओर एकत्र हुए। महिलाएं पारंपरिक परिधानों में, पुरुष आरती की थाली लिए हाथ जोड़कर माँ रेणुका के दर्शन कर रहे थे। हर किसी के चेहरे पर भक्ति और आनंद झलक रहा था।
प्रशासनिक अधिकारी और संत समाज की उपस्थिति
माँ रेणुका जी की भव्य आरती में प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और संत समाज के गणमान्य लोग भी शामिल हुए। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त एल.आर. वर्मा, एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान, तहसीलदार ददाहू जय सिंह ठाकुर, सीईओ भरत सिंह ठाकुर और मित्र सिंह तोमर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। संत-महात्माओं और साधुओं की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी पवित्र बना दिया।
मेले के अंतिम दिन तक जारी रहेगी महाआरती
मेले के आयोजकों ने बताया कि माँ रेणुका जी की भव्य आरती का आयोजन इस वर्ष विशेष रूप से वैदिक परंपराओं के साथ किया जा रहा है, जो 5 नवम्बर तक जारी रहेगा। हर शाम झील के दोनों किनारों पर दीयों की पंक्तियाँ जलाई जाएँगी और श्रद्धालु माँ रेणुका के चरणों में अपनी भक्ति अर्पित करेंगे।
माँ रेणुका जी की भव्य आरती बनी श्रद्धा का पर्व
अंतर्राष्ट्रीय रेणुका मेला न केवल सिरमौर बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान है। यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु माँ रेणुका के दर्शन करने और माँ रेणुका जी की भव्य आरती में शामिल होने आते हैं। यह आरती न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह स्थानीय परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखती है।
झील की लहरों में तैरते दीप, भजनों की मधुर ध्वनि और माँ रेणुका की महिमा का गुणगान — यह सब मिलकर ऐसा दृश्य रच देते हैं जिसे शब्दों में पिरोना कठिन है। इस आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि माँ रेणुका जी की भव्य आरती केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भक्ति, श्रद्धा और एकता का पर्व है जो हर दिल को माँ के स्नेह से जोड़ देता है।
