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रेणुका मेला : पहली सांस्कृतिक संध्या में कुलविंदर बिल्ला ने मचाया धमाल
नाहन (सिरमौर)। अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेला की पहली सांस्कृतिक संध्या इस बार पूरी तरह पंजाबी रंग में रंगी नजर आई। प्रसिद्ध पंजाबी गायक कुलविंदर बिल्ला ने मंच संभालते ही ऐसा जादू बिखेरा कि दर्शक खुद को थिरकने से रोक नहीं पाए। उनके एक के बाद एक सुपरहिट गीतों ने मैदान में मौजूद हजारों दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
रेणुका मेले में कुलविंदर बिल्ला की धमाकेदार प्रस्तुति
रेणुका मेला की पहली सांस्कृतिक शाम में जैसे ही कुलविंदर बिल्ला मंच पर आए, दर्शकों में उत्साह चरम पर पहुंच गया। उन्होंने ‘तेरी मेरी नी कहानी’, ‘कोठे उथे चढ़ाया कबूतरा’, और अन्य कई चर्चित पंजाबी गीतों पर अपनी मनमोहक आवाज से माहौल को संगीतमय बना दिया।
बिल्ला की सधी हुई आवाज़, उनके ऊर्जावान प्रदर्शन और दर्शकों के साथ जुड़ाव ने इस सांस्कृतिक शाम को अविस्मरणीय बना दिया। मुख्यातिथि समेत सभी विशिष्ट अतिथि भी तालियों की गड़गड़ाहट और संगीत की लय पर खुद को झूमने से रोक नहीं पाए।
लोकगीतों और नृत्य से सजा रेणुका मेला मंच
रेणुका मेला की शुरुआत पारंपरिक लोकधुनों और नृत्य से हुई। कार्यक्रम का आगाज हमीरपुर के कलाकारों ने झमाकढ़ा लोक नृत्य से किया। उन्होंने “मौज बहारां दी नहीं लगदा दिल मेरा”, “इन छौरुआं नू लियां समझाई” और “कोयल बोले कू कू” जैसे लोकगीतों पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया।
इसके बाद चूड़ेश्वर लोक संस्कृति दल के मुख्य कलाकार जोगिंदर हाब्बी ने परांट और दीप नृत्य की प्रस्तुति दी, जिसने पूरे मैदान का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। वहीं एनजेडसीसी (North Zone Cultural Centre) के कलाकारों ने पंजाबी भंगड़े की ऊर्जावान प्रस्तुति से समां बांध दिया।
रेणुका मेला में गूंजे पहाड़ी और फिल्मी गीत
लोक संगीत की परंपरा को जीवंत रखने में पूर्ण शिवा और गीता भारद्वाज का योगदान भी उल्लेखनीय रहा।
पूर्ण शिवा ने “दर्दे दिल दर्द जिगर”, “बड़ी दूर से आए हैं प्यार का तोहफा लाए हैं”, और “गुलाबी आंखें जो तेरी देखी” जैसे फिल्मी गीतों से दर्शकों के दिलों को छू लिया।
वहीं गीता भारद्वाज ने “इन बड़ीयां नू तड़का लाना” और “ठेकेदारनिए” जैसे लोकगीतों से मंच पर लोकसंस्कृति की महक बिखेरी।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई रेणुका मेला की शुरुआत
रेणुका मेला की पहली सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री ठाकुर हर्षवर्धन चौहान ने की।
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, पांवटा के विधायक सुखराम चौधरी, नाहन के विधायक अजय सोलंकी, दयाल प्यारी, उपायुक्त प्रियंका वर्मा, एसपी निशांत नेगी, एसडीएम नाहन राजीव संख्यान, एसडीएम संगड़ाह सुनील कायथ, एसडीएम पच्छाद प्रियंका चंद्र, बीडीओ नेहा नेगी, तहसीलदार ददाहू जयसिंह ठाकुर, डीएसपी संगड़ाह मुकेश डडवाल और सीईओ भारत सिंह ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
रेणुका मेला में उमड़ा जनसैलाब
पहली सांस्कृतिक संध्या के दौरान रेणुका मेला मैदान में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी। हर वर्ग के लोग इस रंगारंग कार्यक्रम का हिस्सा बनने पहुंचे। दर्शकों ने कलाकारों की हर प्रस्तुति पर तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। मंच के चारों ओर दर्शकों का जोश और उल्लास साफ झलक रहा था।
सांस्कृतिक धरोहर को संजोता रेणुका मेला
रेणुका मेला सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि लोकसंस्कृति का उत्सव भी है। यह मेला सिरमौर जिले की सांस्कृतिक पहचान को देश और दुनिया तक पहुंचाने का माध्यम बन चुका है। यहां हर वर्ष विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी परंपरागत लोककला और संगीत से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की झलक पेश करते हैं।
नतीजा : पहली सांस्कृतिक रात बनी यादगार
अंतरराष्ट्रीय रेणुका मेला की यह पहली सांस्कृतिक संध्या हर मायने में यादगार रही। कुलविंदर बिल्ला की मधुर आवाज, स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां और दर्शकों का उत्साह — सबने मिलकर इस रात को खास बना दिया।
इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रेणुका मेला न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि लोकसंस्कृति, संगीत और एकता की अनमोल विरासत भी है।
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