अब राशन डिपो में मिलने वाले खाद्य तेल जांच निजी लैब में भी
इस माह से लागू होगी नई व्यवस्था
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशन डिपो में मिलने वाले खाद्य तेल जांच प्रक्रिया को और सख्त बनाने का निर्णय लिया है। अब प्रदेश के सभी डिपो में वितरित किए जाने वाले सरसों और रिफाइंड तेल की जांच मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं में भी करवाई जाएगी। यह व्यवस्था इसी माह से लागू की जा रही है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने तेल की गुणवत्ता के लिए विशेष मानक तय किए हैं, जिनका पालन सभी सप्लायरों और डिपो संचालकों के लिए अनिवार्य होगा। प्रदेश के लगभग 5178 राशन डिपो से 19.95 लाख कार्डधारक हर माह करीब 42 लाख लीटर तेल प्राप्त करते हैं।
नई व्यवस्था के तहत खाद्य तेल जांच हर तीन माह में की जाएगी। प्रत्येक डिपो से एक सैंपल लेकर उसे बारकोडिंग प्रणाली के माध्यम से सरकारी और निजी लैब में भेजा जाएगा। बारकोडिंग से यह गोपनीय रखा जाएगा कि सैंपल किस डिपो से लिया गया है।
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यदि जांच में यह पाया गया कि तेल निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो संबंधित डिपो संचालक और सप्लायर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग उन्हें जुर्माने के साथ तेल वापस भेजने के आदेश देगा।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने बताया कि उपभोक्ताओं को शुद्ध तेल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से यह खाद्य तेल जांच व्यवस्था शुरू की जा रही है। हर तीन माह में प्रत्येक डिपो से एक सैंपल अनिवार्य रूप से लिया जाएगा ताकि गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
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