Table of Contents
हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण: अब 10 विद्यार्थियों वाले स्कूलों में एक विषय शिक्षक देगा सेवाएं
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के युक्तिकरण के आदेश जारी किए
शिमला। हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण अब शिक्षा सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। राज्य के वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में जहां विद्यार्थियों की संख्या मात्र दस है, वहां अब सिर्फ एक विषय शिक्षक सेवाएं देगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने वीरवार को सचिवालय में हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता से अधिक नियुक्त शिक्षकों को अन्य विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि शिक्षण कार्य सुचारू रूप से चले।
नौ खेल हॉस्टलों में 11 कोच और भाषा शिक्षकों की होगी नियुक्ति
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य के नौ खेल हॉस्टलों में 11 कोच तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा पंजाबी भाषा के 11 और उर्दू भाषा के 10 शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण नीति के अंतर्गत संतुलित शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। साथ ही एसएमसी पर नियुक्त प्रवक्ताओं और डीपी की 5% एलडीआर कोटे में भर्ती के लिए आरएंडपी नियम बनाने के निर्देश भी जारी किए गए।
नवीं और दसवीं कक्षाओं में प्रवक्ताओं की अनिवार्य भूमिका
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि नवीं और दसवीं कक्षाओं में प्रवक्ताओं को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस मामले की समीक्षा 11 से 12 नवंबर के बीच की जाएगी। सभी जिला उपनिदेशकों को अपने क्षेत्रों की प्रस्तुति देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण नीति को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।
कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों को नहीं किया जाएगा मर्ज या डाउनग्रेड
रोहित ठाकुर ने कहा कि जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, उन्हें न तो मर्ज किया जाएगा और न ही डाउनग्रेड। बल्कि वहां कार्यरत शिक्षकों का युक्तिकरण किया जाएगा। यदि किसी स्कूल में एक ही विषय के एक से अधिक शिक्षक हैं, तो उनमें से केवल एक शिक्षक वहीं कार्य करेगा, जबकि अन्य को अन्य विद्यालयों में भेजा जाएगा। यह कदम हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण नीति के तहत संसाधनों के समान वितरण के लिए उठाया गया है।
शहरों के समीप स्कूलों में होगा संतुलन
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहरों से सटे वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम है, लेकिन वहां विषय शिक्षकों की संख्या अधिक है। इस असंतुलन को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग जल्द प्रस्ताव तैयार करेगा। इस कदम से हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण नीति और अधिक कारगर साबित होगी।
बागवानी विषय और हिमाचल का इतिहास सिलेबस होगा सशक्त
बैठक में बागवानी विषय को पढ़ाने के लिए जल्द सिलेबस तैयार करने के निर्देश दिए गए। साथ ही छठी से आठवीं कक्षा तक पढ़ाए जा रहे हिमाचल प्रदेश के इतिहास विषय की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि इसमें और अधिक ऐतिहासिक जानकारियों को शामिल किया जाए ताकि विद्यार्थी अपने राज्य की धरोहर से गहराई से परिचित हो सकें।
अन्य प्रमुख निर्णय और योजनाएं
बैठक में निदेशालयों के पुनर्गठन, मुख्यमंत्री बाल पौष्टिक आहार योजना, डिजिटल उपस्थिति प्रणाली, शिक्षकों के अंतरराष्ट्रीय शिक्षण भ्रमण, अपना विद्यालय योजना, राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल, और सीबीएसई से स्कूलों की संबद्धता जैसे विषयों की भी समीक्षा की गई। शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा, शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और समग्र शिक्षा परियोजना निदेशक राजेश शर्मा भी बैठक में मौजूद रहे।
निष्कर्ष:
बेहतर शिक्षा की दिशा में उठाया गया व्यावहारिक कदम
हिमाचल प्रदेश स्कूलों में शिक्षकों का युक्तिकरण नीति से शिक्षा व्यवस्था अधिक संतुलित और गुणवत्तापूर्ण बनेगी। इससे न केवल विद्यार्थियों को समान शिक्षा अवसर मिलेंगे, बल्कि शिक्षकों की उपयोगिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी। शिक्षा मंत्री का यह निर्णय ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को नई दिशा देगा।
