शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने 51 लाख की लागत से भनोग स्कूल की विज्ञान प्रयोगशाला का किया लोकार्पण
मेधावी छात्रों को किया सम्मानित
नाहन, 29 अक्तूबर। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मंगलवार को सिरमौर जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भनोग में आयोजित वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने 51 लाख रुपये की लागत से निर्मित विज्ञान प्रयोगशाला भवन का लोकार्पण किया और मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
समारोह में अपने संबोधन के दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के सर्वांगीण विकास और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए निरंतर सुधार कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना के अंतर्गत स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर 20 लाख रुपये तक का ऋण देने का निर्णय लिया है, साथ ही परिवार की आय सीमा को 4 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार के सुधारवादी निर्णयों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अब तक 87 हजार से अधिक विद्यार्थी विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं। बाल पोषण आहार योजना के तहत 15,181 स्कूलों के 5.34 लाख से अधिक छात्रों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा विद्यार्थियों को स्मार्ट ड्रेस दी जा रही है और कृषि, बागवानी तथा पर्यटन जैसे स्वरोजगार उन्मुख विषयों को भी वैकल्पिक पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया गया है।
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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2021 में जहां प्रदेश शिक्षा सूचकांक में 21वें स्थान पर था, वहीं अब शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू की गई है और अगले सत्र से 100 सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से संचालित किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि सिरमौर जिले के पांवटासाहिब में प्रदेश का पहला केंद्रीय विद्यालय स्वीकृत हुआ है, जिससे विद्यार्थियों को और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एसएमसी शिक्षकों, आईटी शिक्षकों, मिड-डे-मील कार्यकर्ताओं और अंशकालिक जलवाहकों के मानदेय में 500 रुपये प्रति माह की वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में 7 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। अब शिक्षकों को केवल शैक्षणिक सत्र के अंत में सेवानिवृत्त किया जाएगा ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। सिरमौर जिला में टीजीटी पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। छात्रों में सीखने के परिणामों और सामुदायिक जुड़ाव को सुदृढ़ करने के लिए बैग-फ्री डे, स्थानीय बोली को बढ़ावा, स्कूल एडॉप्शन प्रोग्राम और विदेशों में एक्सपोजर विजिट जैसी पहलें शुरू की गई हैं।
अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह न केवल मेधावी छात्रों को सम्मानित करने का अवसर होता है, बल्कि अन्य विद्यार्थियों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को नशा मुक्त जीवन और अच्छे संस्कारों के महत्व के बारे में जागरूक करें ताकि वे भविष्य में राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे लगन और मेहनत के साथ अपने लक्ष्य निर्धारित करें और जीवन में सफलता प्राप्त करें। इस दौरान विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रभावित होकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने अपनी एच्छिक निधि से 20 हजार रुपये की राशि विद्यालय को प्रदान की।
कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, कांग्रेस नेत्री दयाल प्यारी, जिला परिषद सदस्य आनन्द परमार, एसडीएम राजगढ़ राज कुमार, उप निदेशक उच्च शिक्षा हिमेंद्र चंद बाली, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजीव ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
इस अवसर पर निदेशक उच्च शिक्षा हिमेंद्र चंद बाली ने अपनी लिखी पुस्तक “सतलुज घाटी का सांस्कृतिक वैभव” शिक्षा मंत्री को भेंट की। पुस्तक में सतलुज घाटी, शिमला, सोलन, किन्नौर, कुल्लू, मंडी और बाहरी सिराज की समृद्ध संस्कृति और लोक परंपराओं का वर्णन किया गया है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या अर्चना शर्मा और स्टाफ ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का पारंपरिक रूप से शाल, टोपी और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
