अंतरराष्ट्रीय रेणुकाजी मेला 2025: छह दिन झील में प्रवाहित होंगे 500 देसी घी के दीये
होगी मां रेणुकाजी की भव्य आरती
नाहन (सिरमौर)। आगामी अंतरराष्ट्रीय रेणुकाजी मेला इस बार और भी भव्य व आध्यात्मिक माहौल में आयोजित होने जा रहा है। प्रशासन ने बताया है कि इस वर्ष मेले के दौरान पूरे छह दिनों तक प्रतिदिन मां रेणुकाजी की आरती आयोजित की जाएगी। इसी क्रम में प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की ओर से कुल 500 देसी घी के दीये पवित्र रेणुकाजी झील में प्रवाहित किए जाएंगे।
एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने जानकारी दी कि यह निर्णय प्रशासन, रेणुकाजी विकास बोर्ड और रेणुकाजी मेला कमेटी के संयुक्त प्रयासों से लिया गया है। उनका कहना है कि इस बार मेले की थीम धार्मिक आस्था और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित रहेगी। आरती कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।
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उन्होंने बताया कि सुबह के समय झील तट पर विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी, जबकि शाम के समय झील किनारे दीपदान और आरती का आयोजन होगा।
संस्कृत कॉलेज नाहन के आचार्य व विद्यार्थी इस धार्मिक कार्य को संपन्न करेंगे। इसके लिए कॉलेज स्तर पर आचार्यों और विद्यार्थियों के ऑडिशन भी लिए गए हैं, ताकि आरती में शुद्धता और पारंपरिक विधि का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
राजीव सांख्यान ने कहा कि मेले में आने वाले श्रद्धालु और स्थानीय लोग देसी घी के दान में अपना सहयोग दें। उन्होंने बताया कि यह दीपदान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि झील की सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण को भी और अधिक पवित्र बनाएगा।
इसके साथ ही एसडीएम ने मेला क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में अनाज व प्रसाद के अवशेष फेंकने के बजाय उन्हें निर्धारित ड्रमों में डालने की व्यवस्था की गई है। सभी आगंतुकों से इस व्यवस्था का पालन करने की अपेक्षा की गई है, ताकि झील और उसके आस-पास का क्षेत्र स्वच्छ व सुंदर बना रहे।
उन्होंने यह भी बताया कि रेणुकाजी मेला न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सिरमौर जिले की संस्कृति, आस्था और लोक परंपरा का जीवंत प्रतीक है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु यहां माता रेणुका और भगवान परशुराम के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार मेले में प्रशासनिक व्यवस्थाएं, सुरक्षा, प्रकाश व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर विशेष योजनाएं तैयार की गई हैं।
मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे। श्रद्धालु और पर्यटक मां रेणुकाजी की भव्य आरती, झील में तैरते दीपों का मनमोहक दृश्य और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से एक दिव्य अनुभव प्राप्त करेंगे।
एसडीएम ने कहा कि सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि वे मेला क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखें, प्रशासन का सहयोग करें और मां रेणुकाजी की आरती में श्रद्धा और भक्ति के साथ भाग लें।
