पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना: सिरमौर जिले की 259 ग्राम पंचायतों में स्थापित होंगे आपदा प्रबंधन केंद्र

‘समर्थ 2025’ कार्यक्रम के तहत स्थानीय स्तर पर सुदृढ़ होगा तंत्र
नाहन (सिरमौर)। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (District Disaster Management Authority – DDMA) सिरमौर की अध्यक्ष एवं उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने आज पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (Panchayat Emergency Response Centre – PERC Scheme) का विधिवत शुभारंभ किया। यह योजना स्थानीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
इस अवसर पर उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने बताया कि पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (PERC योजना) ‘समर्थ 2025’ कार्यक्रम का एक प्रमुख घटक है, जिसके अंतर्गत जिला सिरमौर की 259 ग्राम पंचायतों में क्रमबद्ध तरीके से आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (Emergency Response Centre) स्थापित किए जाएंगे। इस योजना के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ किया जाएगा ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत राहत और बचाव कार्य आरंभ किए जा सकें।
उद्घाटन समारोह के दौरान जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की ओर से चयनित 10 ग्राम पंचायतों — बकरास, जरवा जुनैली, वासनी, सतौन, शिवपुर, लुधियाना, नौहराधार, कोटला बांगी, करगानु और कौलावालाभूड — को आपातकालीन प्रतिक्रिया किट (Emergency Response Kit) प्रदान की गई। इन किटों में बचाव कार्यों के लिए आवश्यक उपकरण जैसे रस्सी, हेलमेट, स्ट्रेचर, सर्च लाइट, दस्ताने, रेनसूट, सीढ़ी, प्राथमिक चिकित्सा किट और अन्य जरूरी सामग्री शामिल हैं।
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उपायुक्त ने बताया कि पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (PERC Scheme) का उद्देश्य न केवल राहत उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, बल्कि ग्राम पंचायतों को आपदा प्रबंधन के लिए आत्मनिर्भर बनाना भी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि हर पंचायत में एक सशक्त स्थानीय टीम तैयार की जाए, जो आपदा की स्थिति में तत्काल कार्रवाई कर सके और जिला स्तर के संसाधनों के आने तक प्रारंभिक सहायता उपलब्ध करवा सके।
उन्होंने बताया कि जिला सिरमौर में 21 आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र (Emergency Response Centres) भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें 7 उपमंडल, 9 तहसील और 5 उप-तहसील स्तर के केंद्र शामिल होंगे। इन केंद्रों के माध्यम से स्थानीय स्तर पर त्वरित समन्वय स्थापित किया जाएगा और किसी भी प्राकृतिक आपदा — जैसे भूस्खलन, बाढ़, आगजनी या सड़क दुर्घटना — की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
इस अवसर पर उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने कहा कि समर्थ 2025 कार्यक्रम के अंतर्गत इस तरह की पहलें सिरमौर जिले को आपदा-प्रतिकारक (disaster-resilient) बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (PERC योजना) को जनसहभागिता और स्थानीय प्रशिक्षण के माध्यम से सफल बनाया जाएगा। प्रत्येक पंचायत में प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर ग्रामीणों को राहत, बचाव और प्राथमिक चिकित्सा की बुनियादी जानकारी दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सिरमौर जिला भौगोलिक दृष्टि से भूस्खलन, अतिवृष्टि और सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से संवेदनशील है। ऐसे में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (PERC Scheme) स्थानीय समुदायों को तैयार रखेगी ताकि आपातकालीन स्थिति में प्रशासन को सहयोग मिले और जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।
इस अवसर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की प्रतिनिधि अनिता ठाकुर (ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग कोऑर्डिनेटर), अरविंद चौहान (डॉक्यूमेंटेशन कोऑर्डिनेटर) तथा डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (DEOC) का पूरा स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम के अंत में चयनित पंचायत प्रतिनिधियों को उपकरणों के उपयोग और रखरखाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाएं और इस योजना को सफल बनाने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र योजना (PERC योजना) को जनसहयोग से प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा, जिससे सिरमौर जिला आने वाले वर्षों में आपदा प्रबंधन में आत्मनिर्भर और मॉडल जिला बन सके।
