Advertisement

दूध भुगतान के लिए हिमाचल सरकार का Big Decision, मिल्कफेड को 13 करोड़ जारी — दुग्ध उत्पादकों को जल्द मिलेगा दूध का भुगतान

दूध भुगतान के लिए 13 करोड़ रूपये जारी, जल्द मिलेगा लाभ - चंद्र कुमार

हजारों दुग्ध उत्पादकों को राहत, मिल्कफेड को 13 करोड़ रुपये जारी — दिवाली से पहले होगा दूध भुगतान

शिमला। हिमाचल प्रदेश के हजारों दुग्ध उत्पादकों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने लंबित दूध भुगतान को जारी करने के लिए मिल्कफेड को 13 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी है। इस निर्णय से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन से जुड़े परिवारों को आर्थिक सहारा मिलेगा। पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने बताया कि यह भुगतान दीपावली से पहले किसानों और पशुपालकों के खातों में पहुंच जाएगा।

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार लगातार यह सुनिश्चित कर रही है कि दुग्ध उत्पादकों को उनके दूध भुगतान में देरी न हो। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बकाया राशि के वितरण की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरी की जाए।

प्रदेश में मिल्कफेड, यानी हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ, किसानों से रोजाना हजारों लीटर दूध की खरीद करता है। सरकार ने भैंस के दूध का मूल्य 60 रुपये प्रति किलो और गाय के दूध का मूल्य 50 रुपये प्रति किलो तय किया है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से कई दुग्ध उत्पादकों को उनके दूध भुगतान की राशि नहीं मिल पा रही थी। इस कारण छोटे पशुपालक वर्ग को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

अब सरकार की इस ग्रांट से यह उम्मीद की जा रही है कि सभी लंबित दूध भुगतान शीघ्र पूरे कर दिए जाएंगे। जानकारी के अनुसार, कई दुग्ध उत्पादकों को 20 से 25 हजार रुपये तक की राशि मिलनी है। ऐसे किसानों की संख्या हजारों में है। यदि 13 करोड़ रुपये की ग्रांट कम पड़ी तो मिल्कफेड को अपनी आय से भी भुगतान पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये भी पढ़ें :
दीपावली से पहले मिठाईयों में मिलावट पर सिरमौर में खाद्य सुरक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की योजनाओं, नीतियों और सेवाओं के बारे में जानकारी यहां उपलब्ध है!

पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य दुग्ध उत्पादकों की आय में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित करना है। इसके लिए न केवल समय पर दूध भुगतान बल्कि गुणवत्ता आधारित मूल्य प्रणाली को भी मजबूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालन क्षेत्र राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि किसानों को उनके परिश्रम का पूरा मूल्य समय पर मिले।

उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से दूध भुगतान की निगरानी की जाएगी ताकि किसी भी देरी को तुरंत पहचाना जा सके। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *