Home देश/विदेश Latest News: यूपी में बुजुर्ग की मौत से ग्रामीण Shocked, बिहार में 7.3 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची तैयार | Big Update

Latest News: यूपी में बुजुर्ग की मौत से ग्रामीण Shocked, बिहार में 7.3 करोड़ मतदाताओं की अंतिम सूची तैयार | Big Update

by Dainik Janvarta
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आज की Latest News (सांकेतिक चित्र)

Latest News: यूपी में बुजुर्ग पर आवारा कुत्तों का जानलेवा हमला, बिहार में 7.3 करोड़ वोटर्स की अंतिम सूची जारी

बाराबंकी (UP) और पटना (Bihar)। Latest News: देश में इन दिनों दो अलग-अलग घटनाएं सुर्खियों में हैं। एक ओर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से हृदयविदारक मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग पर आवारा कुत्तों ने हमला कर उनकी जान ले ली। वहीं दूसरी ओर बिहार से लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़ी बड़ी खबर आई है, जहां निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची प्रारूप का अंतिम प्रकाशन कर दिया है। इन दोनों घटनाओं ने अपने-अपने क्षेत्र में हलचल मचा दी है।

Latest News: बाराबंकी में बुजुर्ग की कुत्तों के हमले से मौत

रविवार भोर बाराबंकी के सुबेहा थाना क्षेत्र स्थित सिधियावां ग्राम पंचायत के मंजरे मेहदियां गांव में 70 वर्षीय बुजुर्ग दयाराम पर आवारा कुत्तों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। दयाराम उस समय घर के पास चारपाई पर सो रहे थे। करीब दर्जनभर कुत्तों ने उन्हें चारपाई से घसीटकर सड़क पार खेतों की ओर ले गए और जमकर नोंच डाला।

Latest News: चीख पुकार सुन बचाने पहुंचे ग्रामीण

हमले की चीख-पुकार सुनकर सबसे पहले गांव के पुत्तीलाल मौके पर पहुंचे और उन्होंने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया। इसके बाद लाठी-डंडों से लैस ग्रामीणों ने कुत्तों को खदेड़ा और दयाराम को गंभीर हालत में बचाया। ग्राम प्रधान के पति विक्रम सिंह ने बताया कि घायल की हालत नाजुक देख तुरंत उन्हें लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन सोमवार सुबह इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

Latest News: बुजुर्ग दयाराम रोज कुत्तों को खिलाते थे बिस्किट

ग्रामीणों का मानना है कि दयाराम रोज सुबह-शाम कुत्तों को बिस्किट खिलाते थे। रविवार को जब वे समय पर बिस्किट नहीं दे पाए तो कुत्तों ने आक्रामक होकर हमला कर दिया। इस घटना से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। कई ग्रामीण अब सुरक्षा की दृष्टि से आवारा कुत्तों को गांव से खदेड़ने लगे हैं।

प्रशासन के लिए चुनौती

यह घटना न केवल इंसानी सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती है। ग्रामीणों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और समय रहते इनके नियंत्रण के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। अब इस घटना के बाद जिला प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग हो रही है।

Latest News: बिहार में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन

इधर, बिहार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़ी अहम गतिविधि पूरी हुई। 30 सितंबर को राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची प्रारूप का अंतिम प्रकाशन कर दिया है। इस बार राज्य में कुल 7 करोड़ 30 लाख मतदाता शामिल हैं। खास बात यह है कि इनमें लगभग 14 लाख नए मतदाताओं को जोड़ा गया है, जिनकी उम्र हाल ही में 18 वर्ष पूरी हुई है।

Latest News: 65 लाख नाम काटे गए

निर्वाचन आयोग के मुताबिक, इस बार मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान 65 लाख से अधिक नाम मतदाता सूची से हटाए गए। इनमें मृत मतदाताओं, विस्थापित लोगों और डुप्लीकेट वोटरों के नाम शामिल हैं। केवल मृत मतदाताओं की संख्या ही करीब 22 लाख बताई गई है। वहीं, करीब 7 लाख मतदाता ऐसे थे जिनके नाम दो जगह दर्ज थे।

जिलावार विवरण

नव प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार, बिहार के सभी जिलों में हजारों की संख्या में नाम हटाए गए हैं।

पश्चिम चम्पारण से 1,91,376

पूर्वी चम्पारण से 3,16,793

शिवहर से 28,166

सीतामढ़ी से 2,44,962

मधुबनी से 3,52,545

सुपौल से 1,28,207

अररिया से 1,58,072

किशनगंज से 1,45,668

पूर्णिया से 2,73,920

कटिहार से 1,84,254

मधेपुरा से 98,076

सहरसा से 1,31,596

दरभंगा से 2,03,315

मुजफ्फरपुर से 2,82,845

गोपालगंज से 3,10,363

सीवान से 2,21,711

सारण से 2,73,223

वैशाली से 2,25,953

समस्तीपुर से 2,83,955

बेगूसराय से 1,67,756

खगड़िया से 79,551

भागलपुर से 2,44,612

बांका से 1,17,346

मुंगेर से 74,916

लखीसराय से 48,824

शेखपुरा से 26,256

नालंदा से 1,38,505

पटना से 3,95,500

भोजपुर से 1,90,832

बक्सर से 87,645

कैमूर से 73,940

रोहतास से 1,56,148

अरवल से 30,180

जहानाबाद से 53,089

औरंगाबाद से 1,59,980

गया से 2,45,663

नवादा से 1,26,450

जमुई से 91,882 नाम काटे गए हैं।

Latest News: चुनाव की तैयारी

इस प्रकाशन के साथ ही हर जिले के निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में मतदाता सूची की भौतिक प्रतियां उपलब्ध करवा दी गई हैं। सभी राजनीतिक दलों को भी यह अंतिम सूची दे दी जाएगी। आयोग का कहना है कि इस बार विशेष रूप से युवाओं को जोड़ने पर ध्यान दिया गया है, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में नई ऊर्जा आ सके।

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