तेज प्रताप यादव ने बनाई नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’, वहीं लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक गिरफ्तार
नई दिल्ली/पटना/लेह। भारतीय राजनीति में शुक्रवार को दो बड़ी घटनाएं सुर्खियों में रहीं। एक ओर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने अपनी नई राजनीतिक पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ का ऐलान कर दिया, तो दूसरी ओर लद्दाख में राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर राजस्थान की जोधपुर जेल भेज दिया गया।
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी का ऐलान
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने शुक्रवार को अपनी नई पार्टी ‘जनशक्ति जनता दल’ लॉन्च की। पार्टी का चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ होगा। इसका ऐलान खुद तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर किया।
तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्टर पर पार्टी का नारा दिया—
“जनशक्ति जनता दल : सामाजिक न्याय – सामाजिक हक – संपूर्ण बदलाव”।
इसके अलावा पोस्टर में लिखा गया, “जन-जन की शक्ति, जन-जन का राज – बिहार का विकास करेंगे तेज प्रताप।”
तेज प्रताप यादव ने पार्टी के माध्यम से बिहार में “संपूर्ण बदलाव और नई व्यवस्था का नव निर्माण” करने का संकल्प जताया। उन्होंने लिखा कि उनकी पार्टी लंबी लड़ाई लड़ने को पूरी तरह तैयार है और बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
पोस्टर में लालू-राबड़ी नदारद
पार्टी पोस्टर में तेज प्रताप यादव ने पांच महापुरुषों— महात्मा गांधी, बी.आर. अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर— की तस्वीरें लगाईं, लेकिन अपने पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी को इसमें शामिल नहीं किया। यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लद्दाख हिंसा मामले में सोनम वांगचुक गिरफ्तार
दूसरी ओर, लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों के मामले में जलवायु कार्यकर्ता और लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के वरिष्ठ सदस्य सोनम वांगचुक को पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में लेकर एनएसए के तहत गिरफ्तार कर लिया। उन्हें राजस्थान की जोधपुर जेल भेजा गया है।
24 सितंबर को हुए इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत और करीब 90 लोग घायल हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी कार्यालय में आग लगा दी थी और कई वाहनों को फूंक दिया था। इसके बाद लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और एहतियातन मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
सरकार और वांगचुक आमने-सामने
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वांगचुक को हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, वांगचुक ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। वे लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे थे।
2019 में जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश है। वांगचुक और उनकी संस्था इस मांग को लेकर कई सालों से आंदोलन कर रही है। वे हाल ही में 10 सितंबर से भूख हड़ताल पर भी बैठे थे, हालांकि हिंसा के बाद उन्होंने इसे समाप्त कर दिया था।
पत्नी का आरोप: अपराधी जैसा बर्ताव
गिरफ्तारी के बाद वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंग्मो ने सरकार और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके पति के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। पुलिस ने उनके घर में तोड़फोड़ की और वांगचुक को अनुचित रूप से राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश किया जा रहा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र का सबसे निकृष्ट रूप बताया।
दोनों घटनाओं का राजनीतिक असर
तेज प्रताप यादव की नई पार्टी का ऐलान बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। वहीं, लद्दाख में वांगचुक की गिरफ्तारी ने क्षेत्रीय असंतोष को और गहरा कर दिया है। एक ओर तेज प्रताप यादव अपने नए राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रहे हैं, तो दूसरी ओर लद्दाख में लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग को लेकर तनाव बढ़ गया है।
राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि जहां बिहार में तेज प्रताप यादव अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की कोशिश करेंगे, वहीं लद्दाख में केंद्र और जनता के बीच टकराव और तेज हो सकता है।
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