देहरादून में बारिश से तबाही: सड़कों-पुलों को भारी नुकसान, मकान ढहे
संक्षिप्त सार
देहरादून में भारी बारिश से तबाही मची है। जिले में 62 सड़कें और 13 पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि दो मकान पूरी तरह ढह गए। सहस्रधारा और रायपुर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। किसानों की फसल, खेत और नहरों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है, लेकिन हालात सामान्य होने में समय लगेगा।
समाचार विस्तार :
देहरादून : देहरादून में लगातार हो रही भारी बारिश ने चारों ओर तबाही मचा दी है। कुछ ही घंटों की बारिश से जिले के कई इलाकों की सड़कें, पुल और मकान बर्बाद हो गए। प्रशासनिक रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि बारिश से तबाही इतनी भयावह रही कि करोड़ों रुपये की संपत्ति क्षतिग्रस्त हो गई।
नुकसान का आंकड़ा
इस आपदा में अब तक 62 सड़कों को नुकसान हुआ है, जबकि 13 छोटे-बड़े पुल और 10 पुलिया पूरी तरह टूट चुकी हैं। जिले में दो मकान पूरी तरह ढह गए हैं और 31 मकानों की दीवारें गिर चुकी हैं। इसके अलावा नदी-नालों के किनारे बने 24 पुश्ते तेज बहाव में बह गए। यह साफ दिखाता है कि बारिश से तबाही ने ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों को प्रभावित किया है।
सहस्रधारा और रायपुर सबसे ज्यादा प्रभावित
सहस्रधारा क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचा है, जहाँ सड़कें और पुलिया टूटने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। रायपुर क्षेत्र में भी कई रास्ते बंद हो गए हैं। सदर क्षेत्र में मुख्य व संपर्क मार्ग टूटने से लोगों की आवाजाही रुकी हुई है। कुछ सड़कों पर अस्थायी रूप से यातायात शुरू किया गया है, लेकिन कई जगह अब भी हालात खराब हैं।
किसानों की मुश्किलें बढ़ीं
बारिश से तबाही का असर किसानों पर भी पड़ा है। खेत, खलिहान, तालाब और नहरें नष्ट हो गईं। प्रशासन के अनुसार 12 खेत और 12 नहरें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे किसानों को बड़ा आर्थिक झटका लगा है।
बड़े पुलों की स्थिति
प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास हाईवे पर बना पुल क्षतिग्रस्त
टपकेश्वर मंदिर परिसर में तमसा नदी पर बना पुल टूटा
दून विहार में नाले पर बना पुल टूटने से बस्तियों का संपर्क कटा
मालदेवता क्षेत्र में टिहरी को जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड ध्वस्त
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राहत और बचाव
प्रशासन की टीमें राहत-बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। लेकिन व्यापक नुकसान को देखते हुए हालात सामान्य करने में समय लग सकता है। फिलहाल प्राथमिकता बंद सड़कों और क्षतिग्रस्त पुलों को बहाल करने की है ताकि लोगों की दिक्कतें कम हो सकें।
