जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन

नाहन, 15 सितम्बर।
सिरमौर जिला प्रशासन लगातार जनहित से जुड़ी योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सक्रिय है। इसी क्रम में जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने आज यहां जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वर्ष 2022 से 2025 तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों और पीड़ितों को दी गई राहत राशि का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया गया।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, जिले में अब तक कुल 71 मामलों में 87 पीड़ितों को 77 लाख 20 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। इस अवसर पर जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने कहा कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि पीड़ितों को नियमानुसार शीघ्र सहायता उपलब्ध करवाई जाए।
राहत राशि वितरण और पुलिस को निर्देश
बैठक के दौरान बताया गया कि वर्ष 2025 में अब तक 15 पीड़ित मामलों में 9 लाख रुपये की राशि दी जा चुकी है। जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार से जुड़े मामलों की मासिक रिपोर्ट समय पर जिला कल्याण अधिकारी को भेजी जाए। इसमें एफआईआर और मेडिकल रिपोर्ट को शामिल करना अनिवार्य होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासन ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा
बैठक का अगला हिस्सा अल्पसंख्यकों के लिए प्रधानमंत्री नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम पर केंद्रित रहा। जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने जानकारी दी कि सिरमौर की कुल जनसंख्या 5,29,855 है, जिसमें से 53,025 लोग अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित हैं। यह कुल जनसंख्या का लगभग 10.01 प्रतिशत है।
उन्होंने गुर्जर समुदाय के बच्चों के लिए कटापत्थर और छल्लूवाला में चल रहे विशेष विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए भूमि को शीघ्र शिक्षा विभाग के नाम हस्तांतरित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजनाएं शिक्षा विभाग के माध्यम से प्रभावी ढंग से लागू की जा रही हैं।
शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाएं
बैठक में उप निदेशक प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा ने बताया कि सभी विद्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि पात्र छात्रों के आवेदन न होने की स्थिति में वे स्वयं जिम्मेदार माने जाएंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पात्र छात्र या छात्रा को शिक्षा के अधिकार और योजनाओं का लाभ लेने से वंचित न रहना पड़े।
जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने कहा कि शिक्षा अल्पसंख्यक समुदाय के सशक्तिकरण की कुंजी है और प्रशासन की प्राथमिकता है कि प्रत्येक पात्र छात्र तक छात्रवृत्ति पहुंच सके।
ऋण सहायता और आत्मनिर्भरता
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि जिला एवं तहसील कल्याण कार्यालयों के माध्यम से लाभार्थियों को अधिवृद्धित ऋण सहायता प्रदान की जा रही है। जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने बताया कि 1 जून से 31 अगस्त 2025 तक जिले के 21 लाभार्थियों को 98 लाख रुपये ऋण के रूप में दिए गए हैं। उनका कहना था कि यह ऋण सहायता न केवल आर्थिक मजबूती देती है बल्कि युवाओं और उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने में भी मददगार साबित होती है।
दिव्यांगता समिति की बैठक
इसके उपरांत जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति और स्थानीय समिति की भी अध्यक्षता की। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि दिव्यांगजनों को सभी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर मिले और उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
अधिकारी और सदस्य रहे उपस्थित
बैठकों का संचालन जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने किया। इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय रमा कांत ठाकुर, उप पुलिस अधीक्षक संगडाह मुकेश कुमार, उप पुलिस अधीक्षक पांवटा साहिब मानवेंद्र ठाकुर, उप निदेशक उच्च शिक्षा हिमेन्द्र चंद बाली, उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा राजीव ठाकुर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और गैर-सरकारी सदस्य मौजूद रहे।
निष्कर्ष
आज हुई बैठकों के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि जिला उपायुक्त प्रियंका वर्मा के नेतृत्व में सिरमौर जिला प्रशासन न केवल राहत राशि वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बना रहा है बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय, छात्रों और दिव्यांगजनों के लिए योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू कर रहा है। उनका जोर इस बात पर है कि प्रशासन की सभी योजनाएं समय पर पात्र लोगों तक पहुंचे और कोई भी लाभार्थी छूट न पाए।
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