वन विभाग की कार्रवाई से हड़कंप: टिप्पर चालक भागे, कई ने नैशनल हाईवे पर ही खाली की खनन सामग्री
संक्षिप्त सार:
कालाअंब–पांवटा साहिब नैशनल हाईवे 07 पर रविवार को वन विभाग की कार्रवाई के दौरान टिप्पर चालकों में अफरा-तफरी मच गई। खनन सामग्री से भरे कई टिप्पर चालक मौके से भाग निकले और कुछ ने तो हाईवे पर ही रेत-बजरी खाली कर दी। विभाग ने तीन टिप्पर जब्त किए हैं और पुलिस थाना नाहन व कालाअंब में मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
विस्तृत समाचार:
नाहन/कालाअंब (सिरमौर), 07 सितंबर।
वन विभाग की कार्रवाई से रविवार को कालाअंब – पांवटा साहिब नैशनल हाईवे 07 पर अचानक हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक वन विभाग नाहन की टीम सैनवाला–आमवाला क्षेत्र में नाका लगाकर वाहनों की जांच कर रही थी। यह जांच अभियान अवैध खनन को रोकने और बिना दस्तावेजों के गैर कानूनी तरीके से प्रदेश से बाहर जा रही खनन सामग्री को पकड़ने के लिए चलाया गया था।
सूत्रों के अनुसार, जब पांवटा साहिब क्षेत्र के स्टोन क्रेशरों से भरे टिप्पर वहां से गुजरे तो चालकों ने जांच नाका देखकर तुरंत गाड़ियां भगा ली। कुछ टिप्पर चालक सीधे फरार हो गए, जबकि कई चालकों ने घबराहट में हाईवे पर ही रेत और बजरी खाली कर दी। इस तरह करीब 10 से 12 टिप्परों ने सड़क पर ही खनन सामग्री फेंक दी और मौके से भाग निकले।
बिना दस्तावेजों के हरियाणा जा रही थी खनन सामग्री
वन विभाग की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि पकड़े गए टिप्परों में लदी बजरी हरियाणा भेजी जा रही थी और इनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। यह पहली बार नहीं है जब सिरमौर जिले से अवैध रूप से खनन सामग्री को दूसरे राज्यों में ले जाने का मामला सामने आया है। पहले भी कई बार विभाग ने इस तरह की कार्रवाई की है, लेकिन खनन माफिया आए दिन नए तरीके अपनाकर प्रशासन को चुनौती देते रहते हैं।
वन विभाग नाहन के डीएफओ अवनिभूषण राय ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई पुलिस विभाग के सहयोग से की जा रही है। विभाग ने तीन टिप्परों को मौके पर ही पकड़ लिया और उन्हें जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा फरार हुए चालकों और वाहनों की तलाश के लिए पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
पुलिस और वन विभाग की संयुक्त मोर्चाबंदी
इस बार खास बात यह रही कि वन विभाग और पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से मोर्चा संभाला। पहले कई बार यह आरोप लगता रहा है कि टिप्पर चालक पुलिस या अन्य विभागों से बच निकलते हैं, लेकिन रविवार की कार्रवाई में वन विभाग ने सीधे पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की। इस कदम से टिप्पर चालकों में हड़कंप मच गया और वे बेतहाशा भागने लगे।
कालाअंब थाना प्रभारी कुलवंत सिंह ने बताया कि घटनास्थल पर करीब 10-12 टिप्परों ने सड़क पर ही खनन सामग्री खाली की है। चालकों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस मामले में और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अवैध खनन का नेटवर्क और प्रशासन की चुनौतियां
सिरमौर और पांवटा साहिब क्षेत्र लंबे समय से अवैध खनन का गढ़ बने हुए हैं। स्टोन क्रेशरों से रोजाना बड़ी संख्या में टिप्पर खनन सामग्री लेकर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की ओर रवाना होते हैं। यह सामग्री अगर वैध दस्तावेजों के साथ होती है तो समस्या नहीं है, लेकिन बिना कागजात के इसे बाहर ले जाना सीधे-सीधे कानून का उल्लंघन है।
वन विभाग की कार्रवाई बार-बार यह साबित करती है कि अवैध खनन के खिलाफ प्रशासन सख्त है, लेकिन खनन माफिया के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना आसान नहीं है। चालकों द्वारा हाईवे पर ही टिप्पर खाली कर देना यह दिखाता है कि वे पकड़े जाने से बचने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इससे न केवल सरकारी राजस्व का नुकसान होता है बल्कि पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ता है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा का माहौल है। कई लोगों का कहना है कि अगर विभाग नियमित रूप से इस तरह की जांच करता रहे तो अवैध खनन पर लगाम लग सकती है। वहीं, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि जब तक स्टोन क्रेशरों और बड़े खनन ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक टिप्पर चालकों को पकड़ने से समस्या का समाधान पूरी तरह संभव नहीं है।
निष्कर्ष:
कालाअंब–पांवटा साहिब नैशनल हाईवे 07 पर रविवार को हुई वन विभाग की कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अवैध खनन और बिना दस्तावेज खनन सामग्री ले जाने वालों के खिलाफ प्रशासन अब सख्त रुख अपना रहा है। हालांकि चालकों ने मौके से भागकर विभाग को चकमा देने की कोशिश की और कुछ ने तो सड़क पर ही सामग्री खाली कर दी, लेकिन विभाग ने तीन टिप्परों को दबोचने में सफलता हासिल की।
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इस कार्रवाई से खनन माफिया को साफ संदेश मिला है कि अब उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले समय में अगर वन विभाग और पुलिस इसी तरह संयुक्त मोर्चा बनाए रखते हैं तो गैर कानूनी खनन गतिविधियों पर कड़ी चोट की जा सकती है।
