Home राजनीति पुनः वेतन निर्धारण: Big Shocking, हिमाचल में हजारों कर्मचारियों की सैलरी में 10-15 हजार तक की कटौती संभव

पुनः वेतन निर्धारण: Big Shocking, हिमाचल में हजारों कर्मचारियों की सैलरी में 10-15 हजार तक की कटौती संभव

by Sanjay Gupta
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शिमला में सरकारी कर्मचारियों का पुनः वेतन निर्धारण को लेकर चर्चा

पुनः वेतन निर्धारण: हिमाचल में 89 श्रेणियों के हजारों कर्मचारियों का वेतन नए सिरे से तय, जानें असर

शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब हजारों सरकारी कर्मचारियों का पुनः वेतन निर्धारण किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार के वित्त विभाग ने वर्ष 2022 की उस अधिसूचना को वापस ले लिया है, जिसमें दो साल बाद हायर पे ग्रेड देने का प्रावधान किया गया था। इसके चलते हिमाचल में नए सिरे से पुनः वेतन निर्धारण होगा।

2022 की अधिसूचना लागू होने पर कर्मचारियों की कई श्रेणियों का वेतन 10 से 15 हजार रुपये तक बढ़ गया था, लेकिन अब संशोधन के बाद उतनी ही कटौती संभव है।

प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने हिमाचल प्रदेश सिविल सेवाएं संशोधित वेतन द्वितीय संशोधन नियम 2025 की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत 2022 के नियम 7(क) को तीन जनवरी 2022 से ही समाप्त माना जाएगा। यानी वेतन का निर्धारण ऐसे होगा मानो यह प्रावधान कभी लागू ही न हुआ हो। राहत की बात यह है कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि पहले से मिली बढ़ोतरी की रिकवरी नहीं होगी।

पुनः वेतन निर्धारण से किन कर्मचारियों पर पड़ेगा असर?

हिमाचल में पुनः वेतन निर्धारण से प्रभावित होने वाले कर्मचारियों में क्लर्क, कनिष्ठ कार्यालय सहायक (आईटी), चालक, ड्राफ्ट्समैन, फोरमैन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, स्टेनो टाइपिस्ट, कनिष्ठ लेखा परीक्षक, सांख्यिकी सहायक, कृषि तकनीशियन, प्रशिक्षित दाई, व्याख्याता, जेबीटी, भाषा शिक्षक, पीईटी, शास्त्री, स्कूल व्याख्याता, तबला प्रशिक्षक, आबकारी एवं कराधान निरीक्षक, वन रक्षक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य कई श्रेणियां शामिल हैं।

पुनः वेतन निर्धारण को लेकर कर्मचारी संगठन का विरोध

वहीं, अधिसूचना जारी होने के बाद सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन ने आपात बैठक बुलाई। संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि नए वेतन निर्धारण से कर्मचारियों को प्रति माह 10 से 15 हजार रुपये का नुकसान होगा। संगठन ने निर्णय लिया है कि आठ सितंबर को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (वित्त) से मुलाकात कर अधिसूचना को वापस लेने की मांग की जाएगी।

पुनर्नियुक्ति नीति में भी बदलाव

इधर, प्रदेश सरकार ने पुनर्नियुक्ति नीति को भी सख्त कर दिया है। अब किसी भी सरकारी कर्मचारी को एक साल से अधिक अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति नहीं मिलेगी। केवल परामर्शक जैसी विशेष सेवाओं में यह छूट रहेगी। पुनर्नियुक्त कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा और सरकारी आवास उपलब्ध नहीं होंगे। आदेश लागू होने के बाद जिनकी एक साल की अवधि पूरी हो चुकी है, उनकी सेवाएं समाप्त मानी जाएंगी।

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