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Big Shock: HPPSC वन सेवा परीक्षा 2025 स्थगित, अब 5 अक्टूबर को टेंटेटिव डेट

HPPSC वन सेवा परीक्षा स्थगित होने पर जारी आधिकारिक अधिसूचना

HPPSC वन सेवा परीक्षा स्थगित: अब 5 अक्टूबर को होगी टेंटेटिव परीक्षा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलनों के कारण प्रदेशभर में जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इसका असर अब प्रतियोगी परीक्षाओं पर भी पड़ा है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने सोमवार को बड़ा निर्णय लेते हुए HPPSC वन सेवा परीक्षा (सहायक संरक्षक प्रारंभिक परीक्षा, 2025) को स्थगित करने की घोषणा की है। यह परीक्षा पहले 7 सितंबर, 2025 को आयोजित की जानी थी, लेकिन खराब मौसम और आपदा की स्थिति को देखते हुए इसे टाल दिया गया है। अब आयोग ने इसे टेंटेटिव रूप से 5 अक्टूबर, 2025 तक के लिए पुनर्निर्धारित किया है।

परीक्षा स्थगित होने के पीछे कारण

प्रदेश में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है। सिरमौर, शिमला, किन्नौर और कुल्लू जैसे जिलों में भूस्खलनों के कारण सड़कें अवरुद्ध हो चुकी हैं। कई राष्ट्रीय और राज्य मार्गों पर यातायात प्रभावित है। इस वजह से हजारों अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में कठिनाई आ सकती थी। आयोग ने परिस्थितियों का जायजा लेते हुए फैसला किया कि HPPSC वन सेवा परीक्षा को आगे बढ़ाना ही छात्रों के हित में होगा।

छात्रों की प्रतिक्रिया

इस निर्णय से हजारों उम्मीदवारों को मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ छात्रों का कहना है कि परीक्षा स्थगित होने से उन्हें और अधिक तैयारी का समय मिलेगा। वहीं, कुछ अभ्यर्थियों ने चिंता जताई है कि पहले से बनी रणनीति प्रभावित हो जाएगी और अब उन्हें फिर से अपनी तैयारी का शेड्यूल एडजस्ट करना पड़ेगा।

शिमला के एक उम्मीदवार ने कहा – “हम पिछले कई महीनों से लगातार मेहनत कर रहे हैं। तारीख बदलने से थोड़ी निराशा जरूर हुई है, लेकिन हमें समझ है कि खराब मौसम में परीक्षा आयोजित करना संभव नहीं था।”

आयोग का आधिकारिक बयान

HPPSC सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य में उत्पन्न प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। साथ ही छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे आधिकारिक वेबसाइट और आयोग के अन्य आधिकारिक चैनलों पर अपडेट देखते रहें। आयोग ने स्पष्ट किया है कि नई तारीख HPPSC वन सेवा परीक्षा के लिए फिलहाल टेंटेटिव है और यदि परिस्थितियां सामान्य नहीं हुईं तो इसमें बदलाव भी संभव है।

परीक्षा का महत्व

HPPSC वन सेवा परीक्षा हिमाचल प्रदेश की प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य के वनों की देखरेख और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां होती हैं। सहायक संरक्षक (Assistant Conservator) का पद न केवल प्रतिष्ठित माना जाता है बल्कि युवाओं को प्रकृति और वन संरक्षण में योगदान देने का अवसर भी देता है। यही वजह है कि हर साल हजारों छात्र इस परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन करते हैं।

तैयारी के लिए अतिरिक्त समय

परीक्षा स्थगित होने से अभ्यर्थियों को लगभग एक महीने का अतिरिक्त समय मिल गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस समय का सही उपयोग किया जाए तो अभ्यर्थी अपनी तैयारी को और मजबूत कर सकते हैं। सामान्य अध्ययन, पर्यावरण विज्ञान और हिमाचल से जुड़े भूगोल व इतिहास जैसे विषयों पर विशेष ध्यान देना लाभकारी हो सकता है।

शिक्षा विशेषज्ञों का सुझाव है कि उम्मीदवारों को अब रिवीजन पर फोकस करना चाहिए और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करना चाहिए। साथ ही, मॉक टेस्ट देकर अपनी कमजोरियों को पहचानना और उन्हें दूर करना भी बेहद जरूरी है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बढ़ी सक्रियता

जैसे ही HPPSC वन सेवा परीक्षा के स्थगित होने की सूचना आई, वैसे ही सोशल मीडिया और ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा तेज हो गई। कई कोचिंग संस्थानों ने छात्रों के लिए अतिरिक्त ऑनलाइन क्लासेस और मॉक टेस्ट सीरीज की घोषणा कर दी है। इससे अभ्यर्थियों को प्रतिस्पर्धा के इस माहौल में और अधिक तैयारी करने का मौका मिलेगा।

आगे की राह

फिलहाल, सभी की निगाहें मौसम और प्रशासनिक हालात पर टिकी हुई हैं। यदि सितंबर माह के अंत तक परिस्थितियां सामान्य हो जाती हैं, तो 5 अक्टूबर को HPPSC वन सेवा परीक्षा आयोजित होने की पूरी संभावना है। आयोग ने भी साफ किया है कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए समय रहते अभ्यर्थियों को सूचित करेगा।

निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाएं जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित कर सकती हैं। HPPSC वन सेवा परीक्षा का स्थगित होना अभ्यर्थियों के लिए भले ही एक अस्थायी झटका हो, लेकिन यह उनके हित और सुरक्षा के लिए लिया गया फैसला है।

अब उम्मीदवारों के पास अपनी तैयारी को और बेहतर बनाने का सुनहरा अवसर है। इसलिए सभी छात्रों को चाहिए कि वे इस अतिरिक्त समय का सदुपयोग करें और पूरी मेहनत के साथ आगामी परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं।

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