Home क्लासिफाइड Heartbreaking News: हिमाचल में रेड अलर्ट के बीच शिमला में मकान ढहने से 5 मौतें, हिमाचल आपदा प्रभावित घोषित

Heartbreaking News: हिमाचल में रेड अलर्ट के बीच शिमला में मकान ढहने से 5 मौतें, हिमाचल आपदा प्रभावित घोषित

by Sanjay Gupta
0 comment
हिमाचल में रेड अलर्ट के बीच भूस्खलन से बंद सड़कें

हिमाचल में रेड अलर्ट: भारी बारिश से तबाही, पूरे प्रदेश को आपदा प्रभावित घोषित

शिमला: हिमाचल प्रदेश इन दिनों लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से जूझ रहा है। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में हिमाचल में रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार हो रही बारिश ने प्रदेश के सामान्य जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। भारी वर्षा, भूस्खलन, क्लाउडबर्स्ट और फ्लैश फ्लड्स के चलते हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूरे राज्य को “आपदा प्रभावित” घोषित कर दिया है।

भारी बारिश से हाहाकार

पिछले कुछ हफ्तों में हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक हिमाचल में 166 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। राज्य को अब तक करीब ₹3,056 करोड़ से अधिक का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में चंबा, मंडी, लाहौल-स्पीति, शिमला, कांगड़ा और हमीरपुर शामिल हैं।

हिमाचल में रेड अलर्ट जारी होने के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन के कारण सड़कें बंद हैं, नदियों-नालों का जलस्तर बढ़ने से खतरा और अधिक बढ़ गया है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

शिमला हादसे ने बढ़ाई चिंता

राजधानी शिमला में भारी बारिश के बीच एक मकान ढह गया। इस दर्दनाक हादसे में पाँच लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद रेस्क्यू टीम ने कई लोगों को मलबे से बाहर निकाला। यह घटना बताती है कि हिमाचल में रेड अलर्ट की स्थिति कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। पहाड़ी इलाकों में मकान और सड़कें बारिश के दबाव को सह नहीं पा रही हैं।

स्कूल–कॉलेज बंद, ट्रेनें रुकीं

लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए प्रशासन ने राज्य के कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं होता, तब तक शिक्षण संस्थानों को खोलना संभव नहीं होगा।

इसी के साथ, रेलवे सेवाएँ भी प्रभावित हुई हैं। शिमला-कालका रेल मार्ग पर भूस्खलन के कारण ट्रेनों को रोकना पड़ा है। कई राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी आवाजाही बंद हो गई है। यात्रियों को अलर्ट जारी कर यात्रा टालने की सलाह दी गई है।

प्रशासन की अपील

हिमाचल में जारी रेड अलर्ट के बीच प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें। पहाड़ी क्षेत्रों, नदियों और नालों के पास जाने से परहेज़ करने की सख्त हिदायत दी गई है।

सरकार और स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। कई जगह एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। सैकड़ों यात्रियों और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

आपदा प्रभावित राज्य घोषित

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में घोषणा की कि प्रदेश को आधिकारिक रूप से आपदा प्रभावित राज्य घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए विशेष पैकेज की आवश्यकता है। केंद्र सरकार से भी मदद की अपील की जाएगी।

Also Read : हिमाचल प्रदेश के मौसम का विवरण और अन्य जानकारी

उन्होंने कहा कि “हिमाचल अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। हमने अब तक ऐसा संकट नहीं देखा। हमारा पहला लक्ष्य लोगों की जान बचाना और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना है।”

प्रभावित जिलों में हालात

चंबा: नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से कई गांव प्रभावित।

मंडी: राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध, भूस्खलन से कई वाहन फंसे।

लाहौल-स्पीति: क्लाउडबर्स्ट से भारी नुकसान, कई पर्यटक सुरक्षित निकाले गए।

शिमला: मकान ढहने और सड़कों के कटने से सबसे ज्यादा खतरा।

कांगड़ा व हमीरपुर: बारिश और भूस्खलन से बुनियादी ढाँचा बुरी तरह प्रभावित।

हर जिले से लगातार हिमाचल में रेड अलर्ट की वजह से नई-नई चुनौतियाँ सामने आ रही हैं।

राहत कार्य और चुनौतियाँ

राहत कार्यों में लगी टीमों को लगातार बारिश के चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन भी मौसम साफ न होने के कारण बाधित हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें :
कालाअंब में बारिश से 5 बड़ी समस्याएँ : Shocking Impact – सड़कें क्षतिग्रस्त और औद्योगिक क्षेत्र प्रभावित

बिजली और पानी की सप्लाई कई इलाकों में ठप है। सैकड़ों घर ढह चुके हैं, हजारों लोग बेघर हो गए हैं। खेत और बाग-बगीचे भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

भविष्य की तैयारी पर सवाल

विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार आ रही आपदाएँ हिमालयी क्षेत्र की नाजुकता को दर्शाती हैं। बढ़ते शहरीकरण और अवैज्ञानिक निर्माण कार्यों ने खतरे को और बढ़ा दिया है। अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो हिमाचल में रेड अलर्ट जैसी स्थितियाँ बार-बार सामने आती रहेंगी।

विशेषज्ञों की राय

पर्यावरणविदों का कहना है कि राज्य में विकास कार्य करते समय पर्यावरणीय संतुलन का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पहाड़ी ढलानों पर अंधाधुंध कटान और अवैध निर्माण रोकना होगा। जल निकासी की बेहतर व्यवस्था और आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली को और मजबूत बनाने की जरूरत है।

निष्कर्ष
आज हिमाचल में रेड अलर्ट सिर्फ मौसम की चेतावनी भर नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के सामने मानव की लापरवाही और चुनौतियों का आईना भी है। राज्य सरकार और प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हैं, लेकिन असली चुनौती आने वाले वर्षों में ऐसी आपदाओं से निपटने की तैयारी करना होगी।

हिमाचल प्रदेश इस वक्त मुश्किल दौर से गुजर रहा है और यह जरूरी है कि सरकार, प्रशासन और जनता मिलकर इस आपदा से उबरने में योगदान दें।

You may also like

Leave a Comment

About Us

दैनिक जनवार्ता एक निष्पक्ष और राष्ट्र के प्रति समर्पित वेब न्यूज़ पोर्टल है। हमारा उद्देश्य सच्ची, निर्भीक और संतुलित पत्रकारिता के माध्यम से भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना है। हम जाति, धर्म, लिंग, भाषा और संप्रदाय से ऊपर उठकर निष्पक्ष खबरें प्रस्तुत करते हैं। स्वैच्छिक संवाददाताओं की टीम के सहयोग से हम राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए विश्वसनीय सूचना जन-जन तक पहुँचाने का मिशन चला रहे हैं।

Contact for Design your website - 9318329982
Anshul Gupta
Software Engineer

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed DainikJanvarta

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.