Home क्राइम Shocking news: बड़ू साहिब में 12वीं की छात्रा द्वारा आत्महत्या, कमरे में पंखे से लटक कर किया Suicide

Shocking news: बड़ू साहिब में 12वीं की छात्रा द्वारा आत्महत्या, कमरे में पंखे से लटक कर किया Suicide

by Sanjay Gupta
0 comment
बड़ू साहिब में छात्रा द्वारा आत्महत्या की घटना-सांकेतिक

छात्रा द्वारा आत्महत्या: बडू साहिब में दर्दनाक घटना, राजगढ़ क्षेत्र में मातम

राजगढ़ (सिरमौर)। जिला सिरमौर के बडू साहिब में एक छात्रा द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मृतका जमा दो की छात्रा थी, जिसने अपने कमरे में पंखे से लटककर जीवन समाप्त कर लिया। छात्रा द्वारा आत्महत्या की इस घटना से परिवार सहित पूरा क्षेत्र सदमे में है।

जानकारी के मुताबिक मृतक छात्रा अपनी मां के साथ बडू साहिब में रह रही थी। उसकी मां यहां एक संस्थान में नौकरी करती है। शनिवार सुबह छात्रा ने मां से कहा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और वह स्कूल नहीं जाएगी। मां अपनी ड्यूटी पर चली गई, लेकिन थोड़ी देर बाद जब वह बेटी की तबीयत देखने लौटी तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला।

काफी कोशिशों के बाद दरवाजा खोला गया तो मां के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। छात्रा पंखे से लटकी मिली। आनन-फानन में उसे नीचे उतारकर पहले अकाल अस्पताल बडू साहिब ले जाया गया। वहां से नागरिक अस्पताल राजगढ़ रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस छात्रा द्वारा आत्महत्या की घटना से इलाके में गहरा शोक छाया हुआ है।

अस्पताल प्रशासन ने मामले की सूचना पुलिस थाना सराहां को दी। पुलिस टीम तुरंत नागरिक अस्पताल राजगढ़ पहुंची। डीएसपी वीसी नेगी ने बताया कि छात्रा का पोस्टमार्टम करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और अब इस छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के कारणों की गहनता से जांच की जा रही है।

छात्रा की मां और परिजनों ने किसी तरह का शक जाहिर नहीं किया है। उनका कहना है कि बेटी ने अचानक ऐसा कदम क्यों उठाया, इसका उन्हें भी अंदाजा नहीं है। परिवार गहरे सदमे में है और छात्रा द्वारा आत्महत्या करने से पूरी तरह टूट चुका है।

हालांकि अभी तक आत्महत्या की असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि मानसिक तनाव, पढ़ाई का दबाव या व्यक्तिगत समस्याएं इसके मुख्य कारण हो सकते हैं। हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

छात्रा द्वारा आत्महत्या की ये घटना बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े करती है। आज के समय में बच्चे और किशोर अनेक तरह के दबावों से गुजरते हैं। वे अक्सर अपनी समस्याएं खुलकर नहीं बताते और अंदर ही अंदर टूट जाते हैं। अगर परिवार और समाज समय रहते ध्यान दें तो ऐसी दर्दनाक घटनाओं को टाला जा सकता है।

हर परिवार को चाहिए कि वे बच्चों की भावनाओं को समझें और उन्हें खुलकर बोलने का अवसर दें। अक्सर बच्चे यह महसूस करते हैं कि उनकी बातें सुनी नहीं जातीं। नतीजतन, वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि आत्महत्या करने वाले ज्यादातर बच्चों ने पहले किसी न किसी रूप में संकेत जरूर दिए होते हैं। ऐसे में माता-पिता और शिक्षकों को इन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए ताकि समय रहते मदद मिल सके और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोका जा सके।

स्कूल और कॉलेजों में काउंसलिंग और मानसिक स्वास्थ्य सहायता अनिवार्य होनी चाहिए। कई बार छात्र अपनी पढ़ाई या व्यक्तिगत समस्याओं को लेकर असहाय महसूस करते हैं। यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और भावनात्मक सहारा मिले तो वे मुश्किल समय से बाहर निकल सकते हैं। छात्रा द्वारा आत्महत्या की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शैक्षणिक संस्थानों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर गंभीरता से काम करना चाहिए।

देशभर में छात्रों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि हर साल हजारों छात्र आत्महत्या कर लेते हैं। हिमाचल प्रदेश में भी पिछले कुछ वर्षों में कई मामले सामने आए हैं। राजगढ़ का यह छात्रा द्वारा आत्महत्या मामला भी उसी चिंताजनक प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है। हर बार समाज ऐसी घटनाओं पर सिर्फ सवाल पूछता है, लेकिन स्थायी समाधान पर कम ध्यान दिया जाता है।

ये भी पढ़ें : पांवटा साहिब में सड़क दुर्घटना : Shocking Tragic Accident में 5 वर्षीय मासूम की Heartbreaking मौत

प्रशासन को चाहिए कि वे स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काउंसलिंग कैंप आयोजित करें। सरकार को भी शिक्षा व्यवस्था में ऐसे प्रावधान करने चाहिए जिससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम हो और वे सहज महसूस कर सकें। छात्राओं द्वारा आत्महत्या जैसे मामलों से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास ही सफल साबित हो सकते हैं।

राजगढ़ और बडू साहिब क्षेत्र के लोगों ने छात्रा द्वारा आत्महत्या की इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उनका कहना है कि समाज को बच्चों की परवरिश में बदलाव लाने की जरूरत है। बच्चों के साथ संवाद बढ़ाना और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाना ही ऐसे हादसों को रोक सकता है।

निष्कर्ष
छात्रा द्वारा आत्महत्या का यह मामला बेहद दुखद और चिंताजनक है। इसने एक बार फिर साबित कर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। अब समय आ गया है कि परिवार, समाज और प्रशासन मिलकर ऐसी रणनीति बनाएं जिससे बच्चों को हर परिस्थिति में भावनात्मक सहारा मिल सके। तभी इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है और युवा जीवन बचाया जा सकता है।

ये भी पढ़ें : हिमाचल प्रदेश के मौसम का विवरण और अन्य जानकारी

You may also like

Leave a Comment

About Us

दैनिक जनवार्ता एक निष्पक्ष और राष्ट्र के प्रति समर्पित वेब न्यूज़ पोर्टल है। हमारा उद्देश्य सच्ची, निर्भीक और संतुलित पत्रकारिता के माध्यम से भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करना है। हम जाति, धर्म, लिंग, भाषा और संप्रदाय से ऊपर उठकर निष्पक्ष खबरें प्रस्तुत करते हैं। स्वैच्छिक संवाददाताओं की टीम के सहयोग से हम राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए विश्वसनीय सूचना जन-जन तक पहुँचाने का मिशन चला रहे हैं।

Contact for Design your website - 9318329982
Anshul Gupta
Software Engineer

@2023 – All Right Reserved. Designed and Developed DainikJanvarta

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.