पांवटा साहिब: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने पूरे क्षेत्र को गहरे सदमे में डाल दिया। पांवटा साहिब के बांगरण चौक पर बोलेरो गाड़ी की टक्कर से 5 वर्षीय मासूम दिव्यांशु की मौके पर ही मौत हो गई। यह भीषण सड़क दुर्घटना शनिवार रात करीब आठ बजे हुई और देखते ही देखते इलाके में मातम छा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रामचंद पुत्र किशन लाल मूल रूप से राजस्थान के चूरु जिले के रहने वाले हैं और लंबे समय से पांवटा साहिब में किराना व सब्जी की दुकान चला रहे हैं। शनिवार रात वे अपनी दुकान के बाहर खड़े थे। इसी दौरान उनकी बेटी संजना और उसकी सहेली डोलु सड़क पार करके दूसरी ओर चली गईं।
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उनके पीछे-पीछे दिव्यांशु भी सड़क पार करने लगा। तभी अचानक पांवटा साहिब की ओर से तेज रफ्तार में आ रही बोलेरो गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी। यह सड़क दुर्घटना इतनी भीषण थी कि दिव्यांशु सड़क पर गिर पड़ा और उसके सिर व चेहरे पर गंभीर चोटें आईं।
अस्पताल पहुंचाने के बावजूद नहीं बची जान
इस दर्दनाक सड़क दुर्घटना को देखकर मौके पर मौजूद लोगों के होश उड़ गए। हादसे के बाद बोलेरो चालक भी रुका और उसने घायल बच्चे को अपनी गाड़ी में बैठाकर तुरंत पांवटा साहिब अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच करने के बाद दिव्यांशु को मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने दर्ज किया केस
एसपी सिरमौर एनएस नेगी ने इस भीषण सड़क दुर्घटना की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बोलेरो चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और आगामी जांच शुरू कर दी है। फिलहाल यह जांच की जा रही है कि हादसे के पीछे लापरवाही थी या कोई अन्य कारण।
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प्रशासन की ओर से फौरी राहत
इस दर्दनाक सड़क दुर्घटना के बाद जिला प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए मृतक बच्चे के परिजनों को 25 हजार रुपये की फौरी राहत प्रदान की। हालांकि यह मदद परिवार के दुख को कम नहीं कर सकती, लेकिन प्रशासनिक कदम से यह संदेश जरूर गया कि सरकार इस कठिन घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है।
स्थानीय लोगों की नाराज़गी
इस सड़क दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि बांगरण चौक पर यातायात का दबाव हमेशा अधिक रहता है और यहां सड़क पार करना बेहद खतरनाक होता है। लोगों ने प्रशासन से यहां ज़ेब्रा क्रॉसिंग, स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
हिमाचल में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या
हिमाचल प्रदेश में आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। कभी गहरी खाई में बस गिर जाती है तो कभी शहरों और कस्बों में तेज रफ्तार वाहन मासूम जिंदगियों को निगल लेते हैं। यह पांवटा साहिब का हादसा भी उसी लापरवाही और अव्यवस्था का उदाहरण है जिसने एक मासूम की जिंदगी छीन ली।
मासूम की मौत से परिवार सदमे में
दिव्यांशु की मौत से परिवार पूरी तरह टूट गया है। माता-पिता अपने बेटे को खोने के गम से बेहाल हैं। आसपास के लोग परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन इस सड़क दुर्घटना ने उन्हें जीवनभर का दर्द दे दिया है। दिव्यांशु की मासूम मुस्कान अब केवल यादों में रह जाएगी।
सड़क सुरक्षा की जरूरत
यह सड़क दुर्घटना हमें यह सिखाती है कि सड़क पर जरा-सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। वाहन चालकों को खासकर बाजार और रिहायशी इलाकों में रफ्तार नियंत्रित रखनी चाहिए। वहीं पैदल यात्रियों को भी सड़क पार करते समय पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर, ट्रैफिक लाइट और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग की व्यवस्था करें। अगर सड़क सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए तो ऐसी कई सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
निष्कर्ष
पांवटा साहिब की यह सड़क दुर्घटना न केवल एक मासूम की जिंदगी छीन ले गई बल्कि पूरे समाज को झकझोर गई। यह घटना हमें चेतावनी देती है कि सड़क सुरक्षा पर ध्यान देना अब और टालना संभव नहीं है। प्रशासन, पुलिस और जनता को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई और परिवार अपने बच्चे को सड़क पर लापरवाही की भेंट चढ़ते न देखे।
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