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खैरी में भू-कटाव का खतरा: 6 घर danger zone में | Shocking River Flow Change

खैरी में भू-कटाव का खतरा और नदी का रुख

खैरी में भू-कटाव का खतरा, गांववासियों की चिंता बढ़ी

कालाअंब (सिरमौर)। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के अंतर्गत खैरी गांव में इन दिनों खैरी में भू-कटाव का खतरा गंभीर रूप ले चुका है। बरसाती नदी के बहाव का रुख बदल जाने के कारण गांव के आधा दर्जन घर खतरे की जद में आ गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव के समीप स्थित एक उद्योग ने नदी में क्रेटवाल का निर्माण किया है। इस वजह से नदी का प्राकृतिक प्रवाह बदल गया और अब पानी सीधा गांव की ओर मुड़ गया है। इसके चलते लगातार कटाव हो रहा है और घरों के ढहने का खतरा मंडरा रहा है।

नदी के रुख बदलने से संकट गहराया

स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, पहले नदी का बहाव बीच में था और किसी प्रकार की दिक्कत नहीं थी। लेकिन उद्योग द्वारा क्रेटवाल लगाए जाने के बाद नदी किनारों को काटते हुए सीधे गांव की तरफ बढ़ रही है। इस कारण गांव की जमीन धीरे-धीरे खिसक रही है। खैरी में भू-कटाव का खतरा इतना बढ़ गया है कि अब ग्रामीण रात को भी चैन से सो नहीं पा रहे हैं।

ग्रामीणों की आपबीती

गांव के रजाक मोहम्मद, हुसैनादीन, शाहरुख़, रमजान, वलीदीन, शराफत, लाभ सिंह, मेहरचंद और इल्मदीन ने बताया कि उनके घर नदी से लगभग 20 से 25 फीट की ऊंचाई पर बने हुए हैं। लेकिन लगातार हो रहे कटाव ने इन घरों की नींव को कमजोर कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

खैरी में भू-कटाव का खतरा और प्रशासन की प्रतिक्रिया

गांववासियों ने जिला प्रशासन से तुरंत राहत और सुरक्षा उपाय करने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर भूस्खलन की यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में कई घर जमींदोज हो सकते हैं। इस पर राजस्व विभाग नाहन के तहसीलदार उपेंद्र कुमार ने बताया कि खैरी में भू-कटाव का खतरा गंभीर है और मामले की जांच के लिए पटवारी को मौके पर भेजा जाएगा। निरीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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उद्योग की लापरवाही पर उठे सवाल

ग्रामीणों का आरोप है कि जिस उद्योग ने नदी में क्रेटवाल लगाया है, उसी की वजह से यह समस्या उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि उद्योग ने अपनी सुरक्षा के लिए यह निर्माण तो कर लिया लेकिन गांववासियों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया। यदि समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया तो खैरी में भू-कटाव का खतरा और बढ़ जाएगा।

खैरी में भू-कटाव का खतरा, भविष्य की संभावनाएं

भूवैज्ञानिकों के अनुसार नदी का प्राकृतिक प्रवाह जब भी बदला जाता है तो आसपास की भूमि असंतुलित हो जाती है। इससे लगातार भूस्खलन की स्थिति बनती है। खैरी गांव में भी यही स्थिति है। यदि जल्द ही नदी का रुख ठीक नहीं किया गया और किनारों पर स्थायी समाधान नहीं निकाला गया तो आने वाले समय में पूरे गांव को विस्थापन का सामना करना पड़ सकता है।

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ग्रामीणों की उम्मीद प्रशासन से

गांववासी लगातार जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग से गुहार लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि नदी के किनारे पक्की दीवार बनाई जाए ताकि पानी का बहाव गांव की ओर न मुड़े। इसके अलावा प्रभावित परिवारों को फिलहाल अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराया जाए। खैरी में भू-कटाव का खतरा सिर्फ घरों तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें लोगों की जान भी दांव पर लगी है।
समाधान की दिशा में जरूरी कदम
नदी किनारे पक्की दीवार (Retention Wall) का निर्माण
प्रभावित परिवारों का अस्थायी पुनर्वास
उद्योग की ओर से जिम्मेदारी तय करना
प्रशासनिक स्तर पर त्वरित राहत सामग्री उपलब्ध कराना
भू-वैज्ञानिकों की टीम से सर्वे करवाना

यदि ये कदम समय रहते उठाए गए तो खैरी में भू-कटाव का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष
खैरी में भू-कटाव का खतरा इस समय एक बड़ी चुनौती बन चुका है। बरसाती नदी के बहाव बदलने से गांव के कई परिवार दहशत में जी रहे हैं। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तुरंत हस्तक्षेप करे और स्थायी समाधान निकाले। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह खतरा किसी भी समय बड़ी त्रासदी का रूप ले सकता है।

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