विस्तृत समाचार:
शिमला: हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट ने एक बार फिर लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। राज्य में इस समय लगातार बदलते मौसम ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। गुरुवार को मौसम साफ रहने के बावजूद शुक्रवार से छह जिलों में येलो अलर्ट और शनिवार से कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर में भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों तक पहाड़ों में लगातार बारिश होगी जिससे भूस्खलन, सड़कें बंद होने और जलस्तर बढ़ने का खतरा है।
🚧 हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट: 347 सड़कें बंद, बिजली व पानी सप्लाई प्रभावित
ताजा आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट के चलते वीरवार शाम तक प्रदेश में 347 सड़कें पूरी तरह से बंद रहीं। इनमें से सबसे ज्यादा 164 सड़कें मंडी जिले में और 123 कुल्लू जिले में बाधित हैं। इसके अलावा 281 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं और 145 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
🛑 चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर खतरा
बरसात से सबसे ज्यादा नुकसान राष्ट्रीय राजमार्गों को हो रहा है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का मंडी से कुल्लू तक का हिस्सा धंसने लगा है। पंडोह डैम से आगे डयोड के पास सड़क का 15 से 20 फुट हिस्सा बह गया है। मरम्मत कार्य के लिए वीरवार को दोपहर 12:30 बजे से 3:30 बजे तक हाईवे पूरी तरह बंद करना पड़ा। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट की स्थिति में यात्रियों को भारी जाम का सामना करना पड़ा। 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में 10 से 12 घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है, जबकि बड़े वाहनों को यह सफर 18 घंटे तक खींच रहा है।
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🏞️ भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित
बरोट-घटासनी मुख्य सड़क पर बुधवार रात को पहाड़ी से मलबा और चट्टानें गिरने से सड़क अवरुद्ध हो गई। साथ ही एक रेस्तरां परिसर को भी क्षति पहुंची। यह हादसा देर रात करीब 1 बजे हुआ, जब लोग सो रहे थे। सौभाग्य से कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई लेकिन संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट के बीच इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं जो सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय है।
💧 पौंग बांध से छोड़ा गया 67 हजार क्यूसिक पानी
भारी बारिश और ऊपरी क्षेत्रों में बर्फ पिघलने के कारण नदियों और बांधों का जलस्तर बढ़ गया है। वीरवार को पौंग बांध से करीब 67 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया। इससे ब्यास नदी के किनारे बसे क्षेत्रों में खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को अलर्ट रहने की हिदायत दी है। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट की वजह से निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
🌍 पर्यटन पर असर
हिमाचल प्रदेश पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था के लिए यह समय कठिन साबित हो रहा है। भारी बारिश और बंद सड़कों के कारण पर्यटक शिमला, मनाली और धर्मशाला आने से बच रहे हैं। होटल कारोबारियों के अनुसार पिछले दो हफ्तों में बुकिंग्स में 40% तक की गिरावट आई है। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट का सीधा असर स्थानीय व्यापारियों, टैक्सी ऑपरेटरों और गाइड्स की आमदनी पर पड़ा है।
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🏔️ ग्रामीण क्षेत्रों में दिक्कतें
गांवों में सड़कें बंद होने से दूध, सब्जियां और रोजमर्रा की चीजें मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। स्कूलों और अस्पतालों तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर लोगों को पैदल चलकर ही अपनी मंजिल तक पहुंचना पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट की वजह से जीवन अस्त-व्यस्त है और ग्रामीण जनता सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है।
📢 प्रशासन की अपील
हिमाचल प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। जहां-जहां भूस्खलन और बाढ़ का खतरा है, वहां पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी बोर्ड लगा दिए हैं। यात्रियों को गैर-जरूरी यात्रा से बचने और केवल आपात स्थिति में ही हाईवे का उपयोग करने की सलाह दी गई है। हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट के मद्देनजर NDRF और SDRF की टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है।
🔎 निष्कर्ष
स्पष्ट है कि हिमाचल प्रदेश बारिश अलर्ट ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पहाड़ी इलाकों में मॉनसून का मौसम कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लगातार बारिश से जहां सड़कें, बिजली और पानी की सप्लाई प्रभावित हुई है, वहीं पर्यटन और व्यापार पर भी नकारात्मक असर पड़ा है। प्रशासन को चाहिए कि वह तेजी से राहत और बचाव कार्य करे ताकि आम जनता को कम से कम मुश्किलों का सामना करना पड़े। आने वाले दिनों में यदि बारिश का दौर जारी रहा तो प्रदेश को और बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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