नाहन (सिरमौर)। प्रदेश सरकार समृद्ध हिमाचल 2045 योजना लागू कर रही है। हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां की शांत वादियां, बर्फ से ढकी चोटियां और हरे-भरे जंगल इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं। लेकिन बदलते दौर में हिमाचल प्रदेश को केवल पर्यटन पर निर्भर रहने की बजाय आत्मनिर्भर और समृद्ध बनने की जरूरत है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासनिक संस्थान, शिमला ने “समृद्ध हिमाचल 2045” पहल शुरू की है।
यह पहल राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा में एक 20 वर्षीय रोडमैप तैयार करने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य हिमाचल को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और नागरिकों को भविष्य निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
समृद्ध हिमाचल 2045 क्या है? जानें विस्तार से
समृद्ध हिमाचल 2045 एक दूरदर्शी पहल है, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और पर्यावरणीय विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि जनता की भागीदारी से बनने वाला एक सामूहिक विज़न है।
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इस पहल के तहत एक ऑनलाइन सर्वेक्षण चलाया जा रहा है, जिसमें हर नागरिक अपनी राय और सुझाव दे सकता है। इस सर्वेक्षण का मकसद यह समझना है कि लोग अपने राज्य को किस रूप में 20 साल बाद देखना चाहते हैं।
समृद्ध हिमाचल 2045 की पहल का उद्देश्य
इस पहल का मुख्य उद्देश्य हिमाचल को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाना है। इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है:
आर्थिक मजबूती : उद्योग, कृषि, बागवानी और पर्यटन के जरिए राज्य की आय बढ़ाना।
शिक्षा और रोजगार : युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना।
स्वास्थ्य सुविधाएं : हर नागरिक तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना।
पर्यावरण संरक्षण : प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए विकास को संतुलित बनाना।
डिजिटल हिमाचल : तकनीकी और डिजिटल सेवाओं का विस्तार करना।
नागरिक सर्वेक्षण की भूमिका
समृद्ध हिमाचल 2045 पहल का सबसे अहम हिस्सा है नागरिक सर्वेक्षण। सरकार चाहती है कि लोग अपनी राय साझा करें ताकि योजना का आधार जनता की जरूरतों और आकांक्षाओं पर हो।
यह सर्वेक्षण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है, ताकि अधिक से अधिक लोग इसमें भाग ले सकें।
क्यों ज़रूरी है समृद्ध हिमाचल 2045?
आज के समय में हिमाचल कई चुनौतियों का सामना कर रहा है –
पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और प्राकृतिक आपदाएं
सीमित रोजगार अवसर
पलायन की बढ़ती समस्या
पर्यावरण असंतुलन
इन चुनौतियों से निपटने और राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीर्घकालिक सोच जरूरी है। समृद्ध हिमाचल 2045 पहल इन समस्याओं का समाधान खोजने की दिशा में ठोस कदम है।
युवाओं की भागीदारी
हिमाचल का भविष्य युवाओं के हाथ में है। इस पहल में युवाओं को खास तौर पर भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है। युवाओं के विचार, सुझाव और नवाचार ही आने वाले 20 साल में हिमाचल की तस्वीर बदल सकते हैं।
पर्यावरण और सतत विकास
हिमाचल प्रदेश की पहचान इसकी प्राकृतिक धरोहर है। समृद्ध हिमाचल 2045 में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को विशेष महत्व दिया गया है। लक्ष्य यह है कि विकास की दौड़ में प्रकृति को नुकसान न पहुंचे और आने वाली पीढ़ियों को भी हरा-भरा हिमाचल मिले।
आत्मनिर्भर हिमाचल की ओर
“आत्मनिर्भर भारत” की तर्ज पर हिमाचल सरकार का सपना है कि राज्य भी आत्मनिर्भर बने। इसके लिए छोटे उद्योग, स्थानीय उत्पाद, कृषि आधारित उद्योग और डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
समृद्ध हिमाचल 2045 इसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जिससे आने वाले वर्षों में हिमाचल आर्थिक रूप से सशक्त और सामाजिक रूप से प्रगतिशील बन सके।
निष्कर्ष
समृद्ध हिमाचल 2045 केवल एक योजना नहीं, बल्कि हर हिमाचली का सपना है। यह पहल आने वाले 20 साल में हिमाचल को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का खाका है। अगर जनता सक्रिय रूप से इसमें भाग लेती है, तो निस्संदेह यह पहल हिमाचल को आत्मनिर्भर, मजबूत और समृद्ध राज्य बनाने में सफल होगी।
👉 अगर आप भी हिमाचल के भविष्य में योगदान देना चाहते हैं तो इस सर्वेक्षण में भाग लेकर अपने सुझाव ज़रूर साझा करें।
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