चंबा में भूकंप: भूकंप के बाद दहशत का माहौल, लोग घरों से निकले बाहर
📌 प्रस्तावना
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में एक बार फिर धरती हिली। सुबह-सुबह आए दो भूकंपों ने लोगों को दहशत में डाल दिया। चंबा में भूकंप का पहला झटका 3:27 बजे 3.3 तीव्रता का था, जबकि दूसरा झटका 4:39 बजे 4.0 तीव्रता का दर्ज हुआ। अच्छी बात यह रही कि भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
🌍 चंबा में भूकंप के झटके: कब और कितनी तीव्रता?
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी (NCS) के अनुसार:
पहला भूकंप – सुबह 3:27 बजे, तीव्रता 3.3, गहराई 20 किमी
दूसरा भूकंप – सुबह 4:39 बजे, तीव्रता 4.0, गहराई 10 किमी
लगातार एक घंटे में दो झटके महसूस किए जाने से लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए।
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⚡ Powerful Tremors से दहशत का माहौल
हालांकि भूकंप की तीव्रता बहुत ज्यादा नहीं थी, लेकिन लगातार झटके आने से लोगों में Panic फैल गया। बरसात और भूस्खलन से पहले ही परेशान हिमाचल प्रदेश के लोगों को अब भूकंप ने भी डरा दिया है।
📖 हिमाचल प्रदेश और भूकंप का पुराना रिश्ता
हिमाचल प्रदेश भूकंपीय दृष्टि से Zone IV और Zone V में आता है, जो सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। खासकर चंबा, किन्नौर, मंडी और कांगड़ा जिलों में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। इतिहास गवाह है कि 1905 का कांगड़ा भूकंप भारत के सबसे भीषण भूकंपों में से एक था, जिसमें हजारों लोगों की जान गई थी।
🔎 वैज्ञानिकों की राय
भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल के कारण लगातार सक्रिय रहता है। यही वजह है कि यहां बार-बार छोटे-छोटे भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे झटके बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
🏠 क्या करें जब आए भूकंप?
भूकंप के समय सतर्क रहना सबसे जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार:
घर के भीतर हैं तो टेबल या मजबूत फर्नीचर के नीचे शरण लें।
खिड़की, दरवाजे और बिजली के उपकरणों से दूर रहें।
बाहर हैं तो खुले स्थान में चले जाएं, इमारतों और पेड़ों से दूर रहें।
लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।
हमेशा एक आपदा प्रबंधन किट घर में रखें।
🙏 राहत की बात
फिलहाल, चंबा में आए दोनों भूकंपों से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। प्रशासन की ओर से भी अभी कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
📌 निष्कर्ष
चंबा में भूकंप के लगातार झटकों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। बरसात और भूस्खलन के बीच अब भूकंप ने भी लोगों की नींद उड़ा दी है। वैज्ञानिकों की चेतावनी और जागरूकता ही इस तरह की आपदाओं से बचाव का सबसे बड़ा साधन है।
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