राजगढ़ बस हादसा: हादसे का पूर्ण विवरण
राजगढ़ (सिरमौर)। जिला सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल में रविवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। सनौरा-नेरीपुल छैला सड़क पर राजगढ़ बस हादसा उस वक़्त पेश आया जब हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) सोलन डिपो की बस (HP63-9865) पर अचानक पहाड़ी से भारी-भरकम पत्थर आ गिरा। यह पत्थर सीधे बस की नंबर एक सीट की खिड़की तोड़ते हुए भीतर जा घुसा।
इस हादसे में बस की पहली सीट पर बैठे 10 साल के मासूम बच्चे को चोटें आईं, जबकि दूसरी सीट पर बैठी महिला और चालक को भी हल्की चोटें लगीं। हादसे के समय बस में लगभग 30 यात्री सवार थे, जो सभी सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
हादसा कहां और कैसे हुआ?
राजगढ़ बस हादसा नेरीपुल के समीप बगैरना गांव के पास पेश आया। बस शिमला जिला के चौपाल उपमंडल के बिजमल से सवारियां लेकर सनौरा–नेरीपुल होते हुए सोलन की ओर आ रही थी। जैसे ही बस बगैरना पहुंची, अचानक पहाड़ी से पत्थर लुढ़क कर बस पर गिर पड़ा।
गनीमत रही कि पत्थर बस की खिड़की तोड़ते हुए केवल पहले हिस्से तक ही घुसा, वरना यह हादसा और बड़ा रूप ले सकता था।
राजगढ़ बस हादसा: सड़क की खस्ता हालत जिम्मेदार कौन?
स्थानीय लोगों का कहना है कि सनौरा-नेरीपुल छैला सड़क पिछले लंबे समय से खस्ता हालत में है। बरसात के मौसम में इस सड़क पर लगातार भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं हो रही हैं।
15 अगस्त को इसी सड़क की दयनीय स्थिति को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने नाहन में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से भी मुलाकात की थी। लेकिन उसके बावजूद हादसे लगातार हो रहे हैं।
लोगों का कहना है कि प्रशासन को राजगढ़ बस हादसा जैसे मामलों से सबक लेकर तुरंत सड़क की मरम्मत और पहाड़ी कटाव रोकने की व्यवस्था करनी चाहिए।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
हादसे के बाद डीएसपी राजगढ़ विद्या चंद नेगी ने बताया कि बस पर पत्थर गिरने की सूचना मिली है, हालांकि अभी तक पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है।
वहीं क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि बस पर अचानक बड़ा पत्थर गिरा, जिससे एक छोटे बच्चे को हल्की चोटें आई हैं। बस में करीब 30 यात्री सवार थे और सभी सुरक्षित हैं।
यात्रियों और लोगों की चिंता
इस हादसे के बाद से यात्रियों में दहशत का माहौल है। लोग कह रहे हैं कि रोजाना इसी मार्ग पर बसें, ट्रक और सेब से भरे वाहन गुजरते हैं। बरसात में पहाड़ों से लगातार पत्थर गिरने से यात्रा जोखिम भरी हो जाती है।
ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया है कि सनौरा-नेरीपुल छैला सड़क को जल्द सुधारने और सुरक्षा इंतजाम मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जाएं।
निष्कर्ष
राजगढ़ बस हादसा: एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और सड़क की खस्ता हालत को उजागर कर दिया है। हादसे में भले ही बड़ी जनहानि नहीं हुई, लेकिन अगर यह पत्थर बीच की सीटों पर गिरता तो स्थिति बेहद गंभीर हो सकती थी।
यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि संबंधित विभाग तुरंत कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें।
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