रक्षाबंधन के दिन लापता हुए थे तीनों छात्र, कोटखाई क्षेत्र से सुरक्षित बरामदगी
बिशप कॉटन स्कूल शिमला के तीन लापता छात्र 24 घंटे में मिले, हिमाचल पुलिस की त्वरित कार्रवाई
शिमला, 10 अगस्त।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने अपनी सतर्कता और त्वरित कार्रवाई का बेहतरीन उदाहरण पेश करते हुए बिशप कॉटन स्कूल, शिमला के तीन लापता छात्रों को उनके लापता होने के 24 घंटों के भीतर सुरक्षित ढूंढ निकाला। यह घटना रक्षाबंधन के दिन घटी, जब ये छात्र स्कूल से आउटिंग गेट पास लेकर घूमने गए थे और समय पर वापस नहीं लौटे।
रक्षाबंधन के दिन लापता हुए छात्र
पुलिस के अनुसार, बिशप कॉटन स्कूल की छठी कक्षा में पढ़ने वाले ये तीनों छात्र 9 अगस्त को दोपहर 12:09 बजे आउटिंग गेट पास लेकर मालरोड घूमने गए थे। आउटिंग की निर्धारित समय सीमा शाम 5 बजे समाप्त हो जाती है, लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद भी छात्र स्कूल नहीं लौटे।
स्कूल प्रशासन ने पहले अपने स्तर पर तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद प्रधानाचार्य मैथ्यू पी जॉन ने पुलिस स्टेशन न्यू शिमला में एफआईआर दर्ज करवाई (एफआईआर नंबर 20/2025, धारा 137(2) के तहत)।
पुलिस की तेज और सटीक कार्रवाई
शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत विभिन्न टीमों का गठन किया और शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे, जिनके आधार पर पुलिस टीम ने कोटखाई क्षेत्र के पास एक घर को चिन्हित किया। रविवार सुबह की कार्रवाई में वहां से तीनों छात्रों को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
डीजीपी ने जताया गर्व
हिमाचल प्रदेश के डीजीपी आईपीएस अशोक तिवारी ने इस सफलता पर शिमला पुलिस को बधाई दी। उन्होंने कहा—
“एसएसपी शिमला और पूरी शिमला पुलिस टीम को उनकी निष्ठा और मेहनत के लिए बधाई। यह सफलता हिमाचल प्रदेश पुलिस का नया चेहरा दर्शाती है, जहां हर रैंक एक टीम के रूप में काम करती है ताकि त्वरित और प्रभावी परिणाम दिए जा सकें।”
डीजीपी ने कहा कि यह बरामदगी हिमाचल पुलिस की प्रतिबद्धता और पेशेवर अंदाज को दर्शाती है।
हिमाचल पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया का उदाहरण
इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया कि हिमाचल पुलिस न केवल अपराध नियंत्रण बल्कि नागरिकों की सुरक्षा और त्वरित मदद में भी पूरी तरह सक्षम है। विशेषकर बच्चों के मामलों में पुलिस ने अपनी प्राथमिकता और तत्परता को एक बार फिर साबित किया।
नागरिकों में बढ़ा भरोसा
इस ऑपरेशन की सफलता के बाद शिमला और आसपास के क्षेत्रों के लोगों ने पुलिस की प्रशंसा की है। बच्चों की सुरक्षित वापसी से न केवल स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों को राहत मिली, बल्कि आम नागरिकों में पुलिस के प्रति विश्वास भी और मजबूत हुआ।
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