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पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर बने राष्ट्रीय वॉलीबाल फेडरेशन के अध्यक्ष | हिमाचल को मिला नया गौरव

पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर को मिली राष्ट्रीय वॉलीबाल फेडरेशन की कमान, हिमाचल में खुशी की लहर

समाचार विस्तार :

ऊना (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर को राष्ट्रीय वॉलीबाल फेडरेशन ऑफ इंडिया (VFI) का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी इस उपलब्धि से न केवल कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में गर्व और उत्साह की लहर दौड़ गई है। जगह-जगह मिठाइयां बांटी जा रही हैं और उन्हें बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है।

🎯 राजनीति से खेल तक नेतृत्व का सफर
वीरेंद्र कंवर का सामाजिक और राजनीतिक जीवन अत्यंत प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 1990 में छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की और 1997 में अपनी पलहटा पंचायत के उपप्रधान बनकर सक्रिय राजनीति में औपचारिक प्रवेश किया।

2000 में उन्होंने मोमनियार जिला परिषद वार्ड से जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा और लगभग 5000 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। 2003 में भाजपा ने उन्हें कुटलैहड़ विधानसभा से उम्मीदवार बनाया, और वे पहली बार विधायक बने।

🏐 खेलों के लिए समर्पण और नई दिशा
वीरेंद्र कंवर लंबे समय से हिमाचल प्रदेश वॉलीबाल फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं और अब उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह नियुक्ति केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह हिमाचल के युवाओं के लिए नई ऊर्जा और दिशा का प्रतीक है।

कंवर ने स्पष्ट किया है कि वे वॉलीबाल को गांव-गांव तक ले जाने और प्रतिभाशाली युवाओं को आगे लाने की दिशा में कार्य करेंगे। यह कदम ग्रामीण खेल विकास, युवा सशक्तिकरण और राष्ट्रीय खेल संरचना में हिमाचल की भागीदारी को मज़बूत करेगा।

🤝 राजनीतिक दलों से परे बधाइयों का दौर
इस नियुक्ति पर न केवल उनके समर्थकों बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने भी उन्हें खुले दिल से बधाई दी है। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, सांसद डॉ. सिकंदर कुमार, विधायक सतपाल सिंह सत्ती, जिलाध्यक्ष श्याम मिन्हास, किसान मोर्चा सचिव मदन राणा, और कई अन्य नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।

🌱 प्रेरणा का स्रोत बने वीरेंद्र कंवर
वीरेंद्र कंवर की यह उपलब्धि हिमाचल के उन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है जो राजनीति, खेल और समाजसेवा जैसे क्षेत्रों में कुछ अलग कर दिखाने की चाह रखते हैं।

उनकी नियुक्ति से स्पष्ट है कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक उत्थान और खेलों के विकास का भी सशक्त साधन हो सकती है।