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सिरमौर में 6 जून को आयोजित होगी राज्यव्यापी मेगा मॉक ड्रिल | जानें किन स्थानों पर होगी आपदा प्रबंधन अभ्यास

राज्यव्यापी मेगा मॉक ड्रिल 6 जून को जिला सिरमौर के सभी उपमंडलों में एक साथ होगी आयोजित

संक्षिप्त सार :

हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण 6 जून 2025 को जिला सिरमौर के सभी उपमंडलों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से मेगा मॉक ड्रिल आयोजित करेगा। जानिए किन क्षेत्रों में होगी यह मॉकड्रिल और इसका उद्देश्य क्या है।

समाचार विस्तार :

नाहन, 5 जून 2025 : हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से आगामी 6 जून 2025 को 9वीं राज्यव्यापी मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। यह ड्रिल जिला सिरमौर के सभी उपमंडलों में एक साथ आयोजित होगी।

इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त सिरमौर प्रियंका वर्मा ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा के समय त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया की तैयारियों का आकलन करना है। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास आम जनता को जागरूक करने के साथ-साथ सभी विभागों की समन्वित कार्यप्रणाली को जांचने का भी एक बेहतर माध्यम है।

🔷 ड्रिल के प्रमुख स्थान (Sub-Division Wise Locations):
यह मॉकड्रिल निम्नलिखित स्थानों पर आयोजित की जाएगी:

उपमंडल नाहन:

रूचिरा पेपर मिल, कालाअंब
त्रिलोकपुर पुल (त्रिलोकपुर – कालाअंब रोड)
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय छात्र, नाहन
डॉ. वाई.एस. परमार मेडिकल कॉलेज, नाहन

उपमंडल पच्छाद:
सराहां बाजार

उपमंडल कफोटा:
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, सतौन

उपमंडल राजगढ़:
नेहरू ग्राउंड के समीप, राजगढ़ बाजार

उपमंडल शिलाई:
गांव चयाना

उपमंडल संगड़ाह:
गांव पाब

उपमंडल पांवटा साहिब:
यमुना मंदिर के निकट, गुरुद्वारा पांवटा साहिब

🔶 इंसिडेंट रिस्पांस टीमों (IRT) का गठन:
उपायुक्त ने बताया कि प्रत्येक उपमंडल में उपमंडलाधिकारी (SDM) की निगरानी में इंसिडेंट रिस्पांस टीम (IRT) का गठन किया गया है। इन टीमों में शामिल हैं:
पुलिस विभाग
गृह रक्षा दल
अग्निशमन सेवा
स्वास्थ्य विभाग
जल शक्ति विभाग
लोक निर्माण विभाग
खंड विकास अधिकारी
महिला एवं बाल विकास विभाग
खाद्य आपूर्ति विभाग
एन.सी.सी. और एन.एस.एस. से जुड़े छात्र

सभी टीमें जिला मुख्यालय पर स्थापित इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (EOC) से समन्वय में कार्य करेंगी।

🔷 उद्देश्य:
इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ या आग जैसी स्थितियों में रेस्क्यू, मेडिकल सहायता, सुरक्षा, राहत एवं पुनर्वास जैसी प्रक्रियाओं की मौजूदा तैयारियों की समीक्षा करना और उन्हें सुधारना है।