हिमाचल प्रदेश के पांच टोल बैरियरों पर 15 जून से फास्टैग से प्रवेश शुल्क की वसूली शुरू, ट्रायल 8 जून से
समाचार विस्तार :
शिमला, 5 जून: हिमाचल प्रदेश में डिजिटल परिवहन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार 15 जून 2025 से पांच प्रमुख टोल बैरियरों पर फास्टैग के माध्यम से प्रवेश शुल्क वसूलने की शुरुआत करने जा रही है। इस पहल के पहले चरण में बिलासपुर, परवाणू (सोलन), सिरमौर, नूरपुर और ऊना जिलों के फोरलेन से जुड़े टोल बैरियरों को शामिल किया गया है।
इनमें विशेष रूप से घरमौड़ा (बिलासपुर), परवाणू और टीपरा (सोलन), गोविंदघाट (सिरमौर), कंडवाल (नूरपुर) और मैहतपुर (ऊना) बैरियर शामिल हैं। इन स्थानों पर फास्टैग मशीनें स्थापित कर दी गई हैं और 8 जून से इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा।
🚗 बाहरी राज्यों के वाहनों को मिलेगी राहत
इस नई व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य बाहरी राज्यों के वाहनों को टोल बैरियरों पर नकद भुगतान के लिए लगने वाली लंबी कतारों से निजात दिलाना है। अब बाहरी राज्यों के रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहन चालक आसानी से फास्टैग के माध्यम से शुल्क का डिजिटल भुगतान कर सकेंगे।
📲 डिजिटल इंडिया की दिशा में पहल
अब तक हिमाचल प्रदेश के टोल बैरियरों पर केवल नकद भुगतान की ही सुविधा थी, जिससे विशेषकर छुट्टियों और त्योहारों के दौरान लंबी-लंबी लाइनें लगती थीं। यह कदम केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के अनुरूप प्रदेश के परिवहन प्रबंधन को स्मार्ट और सुगम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
🛣️ प्रदेश में कुल 55 टोल बैरियर, बाकी दूसरे चरण में शामिल होंगे
हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में कुल 55 टोल बैरियर कार्यरत हैं। पहले चरण की सफलता के बाद अन्य टोल बैरियरों को भी फास्टैग व्यवस्था में शामिल किया जाएगा। इस तकनीकी बदलाव से यातायात का प्रवाह बेहतर होगा और यात्रियों का समय बचेगा।
💸 प्रवेश शुल्क की दरें यथावत
टोल बैरियरों पर अभी जो प्रवेश शुल्क लिया जाता है, वह 24 घंटे के लिए वैध होता है। निजी वाहनों के लिए यह शुल्क 60 रुपये है, जबकि वाणिज्यिक व अन्य श्रेणियों के वाहनों के लिए शुल्क उनकी उपयोगिता के आधार पर निर्धारित है। फास्टैग इन्फ्रास्ट्रक्चर का खर्च टोल बैरियर संचालक ही वहन करेंगे।