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हिमाचल में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: सरकार ने 60 रुपये प्रति किलो गेहूं खरीदकर किसानों को दिया लाभ

सरकार ने सिरमौर में 42 किसानों से खरीदी 178 क्विंटल प्राकृतिक गेहूं, मिला 60 रुपये प्रति किलो दाम और 2 रुपये भाड़ा

समाचार विस्तार :

सिरमौर, हिमाचल प्रदेश (25 मई 2025):
प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और इसके अंतर्गत किसानों के लिए नई कल्याणकारी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्राकृतिक कृषि उत्पादों की सरकारी खरीद शुरू की है, जिससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

इसी दिशा में जिला सिरमौर में प्राकृतिक तरीके से उगाई गई 178 क्विंटल गेहूं की खरीद 42 किसानों से की गई है, जिसमें प्रति किलो 60 रुपये समर्थन मूल्य और 2 रुपये प्रति किलो भाड़ा दिया गया है। यह पहल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

परियोजना निदेशक (आत्मा) साहब सिंह के अनुसार, 15 मई से 25 मई 2025 तक नाहन और पांवटा साहिब के सरकारी खरीद केंद्रों पर यह खरीद की जा रही है। इस वर्ष सिरमौर जिला में कुल 275 क्विंटल गेहूं और 25 क्विंटल हल्दी खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक 8 किसानों से 20 क्विंटल हल्दी भी खरीदी जा चुकी है।

खदरी गांव के किसान रवि कुमार बताते हैं कि वह 2021 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और इस वर्ष उन्होंने 2 बीघा भूमि में गेहूं की खेती की, जिससे 8 क्विंटल उत्पादन हुआ। उन्होंने 5 क्विंटल गेहूं सरकारी खरीद केंद्र में बेचा और 60 रुपये प्रति किलो के साथ-साथ 2 रुपये प्रति किलो भाड़ा भी प्राप्त किया। रवि अब 3 क्विंटल हल्दी की खेती करने की योजना बना रहे हैं।

गांव सकारडी के बलिन्दर सिंह, जो 2019 से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं, उन्होंने भी 2 क्विंटल गेहूं नाहन के केंद्र में बेची है। इस सीजन में वह 5-6 बीघा भूमि में मक्की की बुवाई करने जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री का समर्थन मूल्य प्रदान करने व किसानों के हित में योजनाएं लागू करने के लिए आभार जताया है।

प्रदेश सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को दिए जा रहे इस प्रकार के प्रोत्साहन से न केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि प्रदेश को जैविक और आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र की दिशा में भी अग्रसर किया जा सकेगा।