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“एनीमिया (खून की कमी): कारण, लक्षण, स्तर, सरकारी अभियान और कारगर बचाव उपाय – डॉ. प्रवीण कुमार, नारायणगढ़

एनीमिया से जागरूकता ही बचाव: आयरन, विटामिन B12‑फोलिक एसिड की कमी से होने वाली रोग‑समस्याएँ और उनका समाधान – एसएमओ डॉ. प्रवीण कुमार

समाचार विस्तार

नारायणगढ़ | 22 अप्रैल। नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ के वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर (एसएमओ) डॉ. प्रवीण कुमार ने जागरूकता कार्यक्रम में बताया कि एनीमिया—जिसे आम भाषा में खून की कमी कहा जाता है—भारत में महिलाओं, किशोरियों और बच्चों की एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। यह रोग मुख्यतः आयरन (Fe), विटामिन B12 और फोलिक एसिड की कमी से उत्पन्न होता है, परन्तु बार‑बार रक्तस्राव, परजीवी कृमि संक्रमण तथा विटामिन B6 व विटामिन C की कमी भी अहम कारण हैं। समय रहते निदान और सही पोषण से जटिलताओं से बचा जा सकता है।

एनीमिया के प्रमुख कारण

आयरन की कमी (माइक्रोसाइटिक एनीमिया) – लाल रक्त कोशिकाएँ सिकुड़ जाती हैं।

विटामिन B12‑फोलिक एसिड की कमी (मैक्रोसाइटिक एनीमिया) – कोशिकाएँ असामान्य रूप से बड़ी हो जाती हैं।

अत्यधिक रक्तस्राव या कोशिकाओं का नष्ट होना – प्रसव, माहवारी, चोट या आंतरिक रक्तस्राव।

विटामिन B6 व C की कमी – आयरन के अवशोषण व हीमोग्लोबिन संश्लेषण में बाधा।

कृमि संक्रमण – आंतों के हुकवर्म खून चूसकर हीमोग्लोबिन घटाते हैं।

लक्षण पहचानें, देर न करें

त्वचा, होंठ, जीभ व पलकों की झिल्ली में पीलापन

साधारण गतिविधि में भी सांस फूलना

थकान, सिरदर्द, चक्कर व हृदय‑धड़कन बढ़ना

हाथ‑पैरों में झनझनाहट व सुन्नता

हीमोग्लोबिन स्तर के आधार पर एनीमिया के प्रकार

श्रेणी प्रेग्नेंट महिला में Hb स्तर सामान्य वयस्क महिला में Hb स्तर विशेष ध्यान
माइल्ड 10–11 g/dL 11–11.9 g/dL संतुलित आहार व सप्लीमेंट पर्याप्त
मॉडरेट 7–9.9 g/dL 8–10.9 g/dL नियमित आयरन‑फोलिक सप्लीमेंट, जाँच
सीवियर <7 g/dL <8 g/dL तत्काल अस्पताल में भर्ती व उपचार

भारत सरकार की पहल

एनीमिया मुक्त भारत अभियान (AMB) – छह लक्षित समूह (बच्चे 6–59 माह, 5–9 वर्ष, किशोर‑किशोरी, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाएँ तथा प्रजनन आयु की महिलाएँ) को आयरन‑फोलिक टैबलेट/सिरप।

कृमि मुक्ति कार्यक्रम – वर्ष में दो बार एल्बेंडाजोल की खुराक।

पोषण व जीवन‑शैली से बचाव

प्रतिदिन हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी), मूंगफली, तिल, चना, गुड़‑चना लड्डू।

विटामिन C युक्त फल (संतरा, आंवला, नींबू) आयरन के अवशोषण को बढ़ाते हैं।

दूध, दही, पनीर, अंडा, मछली—विटामिन B12 के उम्दा स्रोत।

भोजन लोहे के बर्तनों में पकाएँ; पकवान में अतिरिक्त आयरन घुलता है।

जंक/फास्ट‑फूड कम करें; अत्यधिक कैफीन (चाय‑कॉफी) खाने के साथ न लें, यह आयरन अवशोषण घटाता है।

विशेषज्ञ सलाह

यदि पीलापन या ऊपर बताए लक्षण दिखें, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में Hb जाँच करवाएँ। डॉक्टर की सलाह से ही आयरन‑फोलिक या विटामिन सप्लीमेंट शुरू करें—खासकर गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं