Home क्लासिफाइड वन गुर्जरों ने प्रशासन से मांगी सुरक्षा, कहा—हम बेगुनाह, फिर भी हो रहे हैं परेशान

वन गुर्जरों ने प्रशासन से मांगी सुरक्षा, कहा—हम बेगुनाह, फिर भी हो रहे हैं परेशान

by Dainik Janvarta
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श्यामपुर और बांगरण पुरूवाला क्षेत्र के वन गुर्जरों ने पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त से लगाई गुहार

समाचार विस्तार 

नाहन (सिरमौर): जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब के श्यामपुर और बांगरण पुरूवाला क्षेत्र में रह रहे वन गुर्जरों ने अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग की है। इस सिलसिले में क्षेत्र के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को नाहन में पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त सिरमौर से मिला और ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल बशीर, अकबर, नीजामुदीन, अलीजान, काकू, गनी, मोरतजा, बसर समेत दो दर्जन लोगों ने बताया कि वे लंबे समय से पांवटा के श्यामपुर और बांगरण पुरूवाला क्षेत्र में रह रहे हैं। हर साल छह महीने इस इलाके में रहने के बाद वे पहाड़ों की ओर चले जाते हैं।

“हमारा किसी घटना से लेना-देना नहीं, फिर भी टारगेट किया जा रहा”

वन गुर्जरों ने प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि 31 मार्च को क्षेत्र में पशुओं के अवशेष मिलने की घटना सामने आई थी, जिसके आरोपी पकड़े जा चुके हैं। उनका इस मामले से कोई संबंध नहीं है, बावजूद इसके उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। स्थानीय लोग, वन और पुलिस विभाग पर दबाव डालकर उन्हें बेवजह परेशान कर रहे हैं।

“झोंपड़े गिराए जा रहे, खुली छत के नीचे रहने को मजबूर”

गुर्जरों ने शिकायत की कि उनके झोंपड़ों को गिरा दिया गया है, जिससे वे भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग उनसे आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मांग रहे हैं, जबकि वे पीढ़ियों से हिमाचल में रह रहे हैं।

“न्यायालय और वन अधिकार अधिनियम हमें जंगलों में रहने की अनुमति देता है”

वन गुर्जरों ने उच्च न्यायालय के 2028 तक दिए गए एक आदेश और 2006 के वन अधिकार अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि जब तक सरकार उन्हें रहने के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराती, तब तक वे जंगलों में रहने के लिए स्वतंत्र हैं। किसी को भी उन्हें वहां से हटाने का अधिकार नहीं है।

“पहले भी किया गया था परेशान, पुलिस ने दिलाया था इंसाफ”

वन गुर्जरों ने कहा कि पहले भी इस तरह की घटनाएं उनके साथ हो चुकी हैं, लेकिन तब पुलिस और वन विभाग ने दखल देकर उन्हें इंसाफ दिलाया था। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि वे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें और किसी भी प्रकार की अनहोनी से उन्हें बचाएं।

पीड़ित वन गुर्जरों ने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन और पुलिस उनके जान-माल की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे और उन्हें बेवजह परेशान होने से बचाएंगे।

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