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मंडी में 268 ग्राम चिट्टा तस्करी मामला: पांच दोषियों को 14 साल कठोर कारावास और 1.40 लाख जुर्माना

268 ग्राम चिट्टा तस्करी में दोषी पांच आरोपियों को 14-14 साल की सजा, 1.40 लाख का जुर्माना भी

विस्तृत समाचार

मंडी: विशेष न्यायाधीश (एक) की अदालत ने 268 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) के साथ पकड़े गए पांच आरोपियों को 14-14 साल के कठोर कारावास और 1.40 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने स्पष्ट किया कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में प्रत्येक दोषी को 16 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।

दोषियों की पहचान राजकुमार (जोगिंद्रनगर तहसील के जलपेहड निवासी), छविंद्र कुमार (निहरी तहसील के सुनाग निवासी), प्रदीप (सदर तहसील के धारंडा निवासी), जीत सिंह (जनेड निवासी) और मोहम्मद इरफान (बथेरी निवासी) के रूप में हुई है।

ऐसे हुआ था मामला उजागर

20 दिसंबर 2023 को सदर थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर मंडी के ब्राधीवीर इलाके में नाकाबंदी की थी। पुलिस को जानकारी मिली थी कि नेरचौक से एक कार में पांच लोग चिट्टा तस्करी के इरादे से मंडी आ रहे हैं। अग्निशमन कार्यालय से करीब 50 मीटर आगे पुलिस ने कार को रोककर तलाशी ली।

कार की जांच में फुटमैट के नीचे छुपाए गए नीले बैग से 268 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। इसके बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया और मामले को अदालत में पेश किया।

अदालत में चली लंबी सुनवाई

अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाहों को पेश किया गया, जबकि बचाव पक्ष ने भी दो गवाहों के बयान दर्ज करवाए। अभियोजन पक्ष का नेतृत्व जिला न्यायवादी एवं विशेष लोक अभियोजक विनोद भारद्वाज ने किया। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपियों का अपराध गंभीर है और यह समाज के लिए घातक है।

उन्होंने अदालत में यह दलील दी कि चिट्टा जैसे मादक पदार्थ समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं और विशेष रूप से युवा पीढ़ी को नशे की दलदल में धकेल रहे हैं। उन्होंने सोनू बनाम हिमाचल प्रदेश सरकार मामले में उच्च न्यायालय की मिसाल का हवाला देते हुए आरोपियों के लिए कड़ी सजा की मांग की।

न्यायालय का फैसला

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों से यह स्पष्ट हो गया कि आरोपियों ने व्यावसायिक मात्रा में चिट्टा अपने पास रखा था, जो संदेह से परे साबित हुआ है। अदालत ने इसे समाज के विरुद्ध संगीन अपराध मानते हुए पांचों आरोपियों को 14-14 साल का कठोर कारावास और 1.40 लाख रुपये जुर्माना देने की सजा सुनाई।

यदि वे जुर्माना अदा करने में असमर्थ रहते हैं, तो 16 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

प्रभाव और सन्देश

यह फैसला मंडी जिले में चिट्टा तस्करी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। जिला न्यायवादी ने कहा कि 268 ग्राम चिट्टा की मात्रा इतनी थी कि इससे करीब 3000 लोगों को नशे की लत लगाई जा सकती थी।

इस फैसले को नशा तस्करों के लिए कड़ा संदेश माना जा रहा है, जिससे भविष्य में ऐसे अपराधों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है।