दैनिक जनवार्ता
नारायणगढ़ (अंबाला)। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के तहत आने वाले बागवानी अनुसंधान केंद्र चांदसौली (नारायणगढ़) में बागवानी महाविद्यालय शुरू होगा। महाविद्यालय शुरू होने के बाद यहां पढने वाले विद्यार्थी बेहतर विशेषज्ञ बनकर बाहर निकलेंगे। जो अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर बागवानी की खेती करने वाले किसान भाईयों को बागवानी से सम्बंधित नवीनतम जानकारी देगें। जिससे उच्च मूल्य वाली फसलों को अपनाने से बागवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट मानव संसाधन का विकास होगा और आर्थिक उन्नति के द्वार खुलेगें। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के कुलपति डॉ. सुरेश कुमार मल्होत्रा ने बागवानी अनुसंधान केंद्र चांदसौली के निरीक्षण के दौरान ये बातें कही। कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि बागवानी महाविद्यालय में शुरू में बीएससी (ऑनर्स) बागवानी में 30 सीट निर्धारित हैं, जोकि आईसीएआर के दिशा निर्देंशानुसार बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज की स्थापना से क्षेत्र के युवाओं को वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद बागवानी विज्ञान में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। भले ही वे मेडिकल या नॉन-मेडिकल पृष्टभूमि से आते हो। स्नातक बागवानी में बैचलर ऑफ ऑनर्स अर्जित करेंगे। जिससे देशभर में विभिन्न रोजगार के अवसरों और आगे स्नातकोत्तर अध्ययन के द्वार खेलेंगे। कुलपति ने कहा कि बागवानी महाविद्यालय की स्थापना से बागवानी क्षेत्र में रोजगार के असंख्य अवसरों के सृजन में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
👉 प्रशासनिक भवन स्मार्ट क्लास रूम से है सुज्जिजत –
कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने गत दिवस महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के अनुसंधान केंद्र चांदसौली (नारायणगढ़) के प्रशासनिक भवन का उदघाटन किया। जो कि 13 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। प्रशासनिक भवन में क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय, सम्मेलन कक्ष, प्रशासन कार्यालय, प्रदर्शनी हॉल, स्टाफ रूम, वैज्ञानिक कक्ष, 10 सामान्य प्रयोजन कक्ष, 3 प्रयोगशालाएं, 4 व्याख्यान कक्ष, 2 स्मार्ट क्लास रूम, डिस्पेंसरी, कंम्यूटर लैब, मनोरंजन कक्ष, कैफेटेरिया, ओपन एयर थियेटर, गेस्ट हाउस शामिल हैं।
👉 इन पर होगा शोध
कुलपति ने कहा कि अनुसंधान केंद्र मुख्य रूप से फलों में आडू, नाशपाती, बेर, सेब, आम, लीची और धनिया, मूली, मैथी, और पालक जैसी सब्जियों की फसलों पर जोर दे रहा है। केंद्र अनुसंधान करके प्रऔद्योगिकी को उत्पन्न करने और अच्छा बीज प्रदान करने के लिए प्रतिबद्व है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में किसान भाईयों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण बीजों के साथ-साथ पौधों की सामग्री भी प्रदान की जाएगी। किसान भाईयों को यहां पर प्रशिक्षण के साथ-साथ नवीनतम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही किसान भाईयों को गुणवत्तायुक्त पौध, बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
👉 चांदसौली के ग्रामीणों ने किया माननीय कुलपति का भव्य स्वागत
चांदसौली के ग्रामीणों ने कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा को विशेष तौर पर आंमत्रित किया। ग्रामीणों के निमंत्रण पर कुलपति ग्रामीणों के बीच पहुंचे। जहां पर ग्रामीणों ने कुलपति का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। ग्रामीणों ने कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कुलपति ने ग्रामीणों से कहा कि केंद्र में पढ़ाई के साथ अनुसंधान, प्रचार-प्रसार का काम किया जाएगा। किसानों को नवीनतम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी।