Himachal : हिमाचल प्रदेश में अब होगी जमीन की ई-केवाईसी, बेनामी सौदों पर लगेगा अंकुश

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दैनिक जनवार्ता
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेनामी सौदों पर नकेल कसने के लिए भूमि की ई – केवाईसी की जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से ये प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पटवारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानकारी के मुताबिक भू अभिलेख विभाग निदेशक ने सभी जिला उपायुक्तों को इस बारे में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि भूमि की ई – केवाईसी के बाद बैंकों से ऋण लेना सहज़ हो जाएगा। वहीं, पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए भी ई – केवाईसी को आवश्यक किए जाने की भी प्रक्रिया चल रही है।

👉 मोबाइल एप के माध्यम से होगी भूमि ई – केवाईसी

डिजिटल टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेस विभाग ई – केवाईसी के लिए एक एप तैयार की है। इसमें आधार नंबर की सहायता से चेहरे की भी शिनाख्त होगी। भूमि का पूरा रिकॉर्ड आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। ई – केवाईसी के बाद जमीन की यूनिक लैंड आईडी बनाई जाएगी। इसमें व्यक्ति की अचल संपत्ति का ब्यौरा दर्ज होगा। किसानों को ई – केवाईसी के लिए जमाबंदी, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और अन्य जरुरी दस्तावेज जमा कराने होंगे। ई – केवाईसी के बाद भूमि के असली स्वामी का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इससे जमीन का मुआवजा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं मिल पाएगा। इसके अतिरिक्त जिन किसानों के दादा, परदादा की मौत हो चुकी है और उनके वारिस के नाम यदि इंतकाल नहीं हुआ है तो अब उनका भी इंतकाल दर्ज किया जाएगा। इस योजना के तहत बेहतर कार्य करने वाले पटवारियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा। इस संदर्भ में भूमि अभिलेख विभाग की निदेशक रीतिका जिंदल ने बताया कि प्रदेश में लोगों के हित को मद्देनजर रखते हुए भूमि मालिकों की आधार सीडिंग प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे उन्हें ऋण लेने में आसानी होगी और जमीनों के बेनामी फर्जी सौदों पर भी अंकुश लगेगा।

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